ग्रैप 4 के लागू होने के बाद सरकार ने कई तरह की प्रतिबंधों का ऐलान किया है। ग्रैप-4 स्तर की पाबंदियों के तहत दिल्ली में जरूरी सेवाओं में लगे ट्रकों को छोड़कर बाकी ट्रकों की एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालांकि सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों की एंट्री जारी रहेगी। ग्रैप-4 स्तर की पाबंदियां तभी लागू की जाती हैं जब प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर हो जाती है।
मालवाहक वाहनों के राजधानी में दाखिल होने पर प्रतिबंध
रिपोर्ट के मुताबिक, सार्वजनिक परियोजनाओं से संबंधित निर्माण कार्य और प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों और चार पहिया वाणिज्यिक वाहनों के राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश पर बैन लगा दिया गया है। जरूरी सेवाओं में शामिल नहीं होने वाले मध्यम एवं भारी मालवाहक वाहनों के राजधानी में दाखिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
ग्रैप के चौथे चरण की पाबंदियों के कारण पड़ोसी राज्यों से केवल सीएनजी, इलेक्ट्रिक एवं बीएस-6 मानकों का पालन करने वाले वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति प्रदान की गई है। हालांकि जरूरी सेवाओं में लगे वाहनों को इससे छूट है।
10 नवंबर तक प्राइमरी स्कूल बंद
दिल्ली सरकार ने छोटे बच्चों को इस खतरनाक प्रदूषण से बचाने के लिए सभी प्राथमिक विद्यालयों को 10 नवंबर तक बंद करने की घोषणा की है। वहीं कक्षा छठीं और उससे ऊपरी कक्षा के छात्रों की पढ़ाई ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से कराने का फैसला स्कूल प्रमुखों पर छोड़ दिया गया है।
फिजिकल कक्षाओं पर राज्य सरकारें ले सकती हैं फैसला
रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रैप-IV के प्रतिबंधों में एनसीआर शहरों की राज्य सरकारें भी शामिल हैं। एनसीआर शहरों की राज्य सरकारें छठी-नौवीं और ग्यारहवीं कक्षा के लिए शारीरिक कक्षाएं बंद करने और ऑनलाइन मोड में पाठ आयोजित करने पर निर्णय ले सकती हैं।
वर्क फ्रॉम होम के निर्देश
एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमिशन (सीएक्यूएम) ने प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर के राज्यों से आपातकालीन उपायों को लागू करने को कहा है। इस उपायों wमें सरकारी और निजी दफ्तरों में 50 फीसदी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम कराने का निर्देश शामिल है।