कश्मीर में मीटिंग करना भारत के लिए बड़ी उपलब्धि
कश्मीर में जी-20 समिट की मीटिंग करवाना भारत की बड़ी कूटनीतिक कोशिश है। इससे चीन की धौंस तो फेल हुई ही, साथ ही साथ पाकिस्तान की नापाक साजिश भी पूरी दुनिया के सामने उजागर हुई है। इस मीटिंग को सफलतापूर्वक सफल कराना भारत के लिए बड़ी चुनौती है। अभी तक भारत इस चुनौती में सफल होता नजर आ रहा है। कश्मीर में इस मीटिंग को आयोजित करना भारत के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी।
कश्मीर में हो रही G-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की मीटिंग
कश्मीर के श्रीनगर में आज यानी कि 22 मई से G-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की मीटिंग शुरू हो रही है। 3 बजे से बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया है। इस बैठक में चीन समेत 5 देश शामिल नहीं हो रहे हैं। इनमें चीन, सऊदी अरब, तुर्किए, इंडोनेशिया और इजिप्ट शामिल हैं। इनके अलावा अमरीका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, यूरोपीय यूनियर, साउथ अफ्रीका जैसे 17 ताकतवर देश कश्मीर की मींटिग में शामिल हो रहे हैं। यह मीटिंग 22 से 24 मई के बीच होगी।
पारंपरिक वेशभूषा में कश्मीरी युवतियों ने किया स्वागत
समिट के लिए विदेशी डेलिगेट्स श्रीनगर पहुंच गए हैं। एयरपोर्ट पर पारंपरिक वेशभूषा में कश्मीरी युवतियों ने इनका स्वागत किया। इसके पहले G-20 इंडियन प्रेसिडेंसी के चीफ कोऑर्डिनेटर हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा- इस मीटिंग में शामिल होने वाले डेलिगेट्स यहां आकर देख सकेंगे कि धरती पर स्वर्ग कैसा होता है।
370 हटाए जाने के बाद कश्मीर में सुधर रहे हालात
आतंकवाद और अलगाववाद के कारण कश्मीर की छवि भारत के सबसे खतरनाक जगहों के रूप में रूप में रही है। लेकिन धारा 370 हटाने के बाद से कश्मीर के हालात में काफी सुधार आए है। पथराव जैसी घटनाएं अब लगभग न के बराबर हो गई है।
आतंकवादी गतविधियां भी पहले की तुलना में घटी है। ऐसे में जी-20 समिट की मीटिंग कश्मीर में करा कर भारत पूरी दुनिया को यह संदेश दे रहा है कि कश्मीर में हालात अब सुधर रहे हैं।
कश्मीर में बढ़ेगा टूरिज्म, पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश
इस मीटिंग के बाद कश्मीर में विदेशी टूरिज्म काफी बढ़ेगा। जिससे कश्मीर के युवाओं को रोजी-रोजगार का मौका मिलेगा। यह मीटिंग पाकिस्तान के झूठ का भी पर्दाफाश करेगी, जो कश्मीर के हालात का रोना पूरी दुनिया में रोता रहता है। कश्मीर में हो रही जी-20 समिट के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो तीन दिवसीय विजिट पर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) पहुंच गए हैं। यहां वो लोगों को संबोधित करेंगे।
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चीन ने शामिल होने से कर दिया था इंकार
कश्मीर में जी-20 की मीटिंग से पाकिस्तान और चीन को काफी दिक्कतें थीं। पाकिस्तान तो इस ऑर्गेनाइजेशन का मेंबर ही नहीं है, दूसरी तरफ चीन ने इस मीटिंग में शिरकत करने से इनकार कर दिया है। लेकिन चीन की इस धौंस का कोई खास असर नहीं हुआ। अमरीका,रूस, ब्रिटेन सहित दुनिया के 17 ताकतवर देशों के प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल हो रहे हैं।
सुरक्षा के लिए किए गए कडे़ इंतजाम
कश्मीर पहुंचे 60 प्रतिनिधियों में सबसे ज्यादा संख्या सिंगापुर के प्रतिनिधिमंडल की है। समूह की औपचारिक बैठक में पांच प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्र – हरित पर्यटन, डिजिटलीकरण, कौशल, एमएसएमई और गंतव्य प्रबंधन पर चर्चा होगी।
व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त के तहत, कार्यक्रम स्थल की ओर जाने वाली सड़क दो दिनों तक वाहनों की आवाजाही के लिए बंद रहेगी। स्थानीय ट्रैफिक पुलिस पहले ही एडवाइजरी जारी कर लोगों से वैकल्पिक मार्ग अपनाने की अपील कर चुकी है।
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