अजमेर हाईवे पर शुक्रवार सुबह भांकरोटा में गैस टैंकर और ट्रक की टक्कर के बाद भीषण आग लग गई। आग ने 40 से अधिक वाहनों को चपेट में ले लिया। दुर्घटना में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है।
एसएमएस अस्पताल में 25 से ज्यादा मरीज गंभीर हालत में भर्ती हैं, जिनमें से कई 80% तक झुलस चुके हैं। अस्पताल का बर्न वार्ड और आईसीयू पूरी तरह भर चुका है। डॉक्टर मरीजों को बचाने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
प्रशासन और फायर ब्रिगेड की टीमें दुर्घटना स्थल पर राहत और बचाव कार्य में जुटी रहीं। घटनास्थल पर जले हुए वाहनों का मलबा हटाने और सड़क को साफ करने का कार्य भी जारी है।
जयपुर पुलिस कमिश्नर ने हादसे की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया है। जांच के तहत दुर्घटना के कारणों और जिम्मेदारियों की गहराई से पड़ताल की जाएगी। दुर्घटना के कारणों पर सवाल
टैंकर द्वारा यू-टर्न लेने के दौरान ट्रक से टक्कर हुई, जिससे गैस रिसाव हुआ और आग लग गई। घटनास्थल के पास चार पेट्रोल पंप भी थे, जो सुरक्षित रहे। हादसे के कारणों पर प्रशासन और स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं।
मोर्चरी में 14 शव रखे गए हैं, जिनका पोस्टमार्टम जारी है। जले हुए वाहनों से हड्डियों के अवशेष मिलने के बाद मृतकों की संख्या और बढ़ने की संभावना है। कई शवों की पहचान अभी बाकी है।
हादसे के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ब्लैक स्पॉट्स के सुधार के लिए 2350 करोड़ रुपये की योजना को तेज करने के निर्देश दिए हैं। सड़क निर्माण में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
एनएचएआई और राजस्थान सरकार द्वारा 176 ब्लैक स्पॉट्स को सुधारने के लिए विभिन्न परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है। इनमें से 13 ब्लैक स्पॉट्स का काम पूरा हो चुका है, शेष प्रक्रियाधीन है।
रोड सेफ्टी पर सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने राजस्थान के मुख्य सचिव से हादसे की रिपोर्ट और भविष्य के लिए सड़क सुरक्षा पर उठाए जाने वाले कदमों का विवरण मांगा है।