क्या है मामला?
दरअसल भारत में जन्मे एक अमेरिकी नागरिक, जो अमेरिका में एक सफल आईटी कंसल्टेंसी सर्विस चला रहे हैं, उन्हें नवंबर 2020 में अपनी पहली पत्नी को गुजारा भत्ता के रूप में 500 करोड़ रुपये देने पड़े थे। अब सुप्रीम कोर्ट ने दूसरी पत्नी को 12 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है। दूसरी पत्नी से उनकी शादी एक साल से भी कम समय तक चली। वहीं दूसरी पत्नी की मांग यह है कि उसे पति की हैसियत के हिसाब से जीवन भर मेंटिनेंस मिले।‘दूसरी पत्नी पति जितना संपत्ति बनाना चाहती है’
न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना Justice B V Nagarathna और न्यायमूर्ति पंकज मिथल Justices Pankaj Mithal की पीठ ने दूसरी पत्नी की पहली पत्नी के साथ समानता की मांग पर नाराजगी व्यक्त की। पीठ का कहना यह था कि पहली पत्नी ने पुरुष के साथ विवाह में कई साल बिताए थे जबकि दूसरी पत्नी ने कुछ ही महीने गुजारे थे। दूसरी पत्नी गुजारा भत्ता लेकर अपने पति के साथ अपनी संपत्ति बराबर करने की कोशिश की थी।गुजारा भत्ता की मांग से संपत्ति की बराबरी ठीक नहीं : SC
न्यायमूर्ति नागरत्ना ने 73 पन्नों का विस्तृत फैसला लिखते हुए कहा, “हमें दूसरे पक्ष के साथ धन की बराबरी के रूप में भरण-पोषण या गुजारा भत्ता मांगने वाली पार्टियों की प्रवृत्ति पर गंभीर आपत्ति है। यह अक्सर देखा जाता है कि पार्टियां अपने पति की संपत्ति, स्थिति और आय को उजागर करती हैं और उसके आधार पर इतनी संपत्ति की मांग करती है ताकि उनके बराबर संपत्ति बना सके।यह भी पढ़ें – ‘जज फेसबुक न चलाएं, संन्यासी की तरह रहें, घोड़े की तरह काम करें’, Supreme Court के जस्टिस ने क्यों की ऐसी टिप्पणी?