Delhi: डीडीए की लैंडपुलिंग पॉलिसी से तैयार होंगे लाखों फ्लैट, जानिए कहां बनेंगे कितने फ्लैट
दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी(डीडीए) की तरफ से लैंडपुलिंग पॉलिसी के तहत हजारों हैक्टेयर भूमि हासिल हुई। डीडीए की तरफ से भी इस पॉलिसी के तहत लाखों फ्लैट तैयार करने की योजना है। इसमें अफोर्डेबल हाउसिंग के साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बेहतर सुविधाओं, हाउसिंग लोकेलिटी के पास के क्षेत्र में इंडस्ट्री को सेटअप करने जैसे भी परियोजनाएं तैयार की गई हैं। स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, एग्जीबीशन सेंटर समेत स्मार्ट सीवेज सिस्टम भी तैयार किया जाएगा।
Delhi: डीडीए की लैंडपुलिंग पॉलिसी से तैयार होंगे लाखों फ्लैट, जानिए कहां बनेंगे कितने फ्लैट
दिल्ली में आने वाले 10 से 12 सालों में लोगों के लिए पर्याप्त फ्लैट और हाउसिंग सोसायटी को स्थापित करने की परियोजना पर काम हो रहा है। दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी(डीडीए) की तरफ से लैंडपुलिंग पॉलिसी के तहत दिल्ली में विभिन्न गांवों की जमीनों को हासिल करके उनमें फ्लैट बनाने की परियोजना तैयार की गई है। मौजूदा समय में दिल्ली में अधिकांश आवासी योजनाएं राजधानी के अंदरूनी इलाकों में बीते 10 से 15 सालों में तैयार की गई थीं। लेकिन वर्ष 2014 से डीडीए की तरफ से लैंडपुलिंग पॉलिसी के तहत दिल्ली के दूर दराज इलाके जो राजधानी के बॉर्डर एरिया से कनेक्टिड हैं, उनमें हाउसिंग सोसायटी को तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।
दिलचस्प बात ये है कि डीडीए द्वारा बनाई गई इस पॉलिसी के जरिए सिर्फ उन क्षेत्र में ही फ्लैट बनाने के काम को हरी झंडी विभिन्न एजेंसियों द्वारा दी गई है, जो ग्रीन एरिया में नहीं आते हैं। इस परियोजना के जरिए डीडीए ने कई इलाकों को जोन और सेक्टर में बांटा है। डीडीए ने नरेला के बख्तावरपुर गांव के पास तिग्गीपुर गांव, कंझावला व बवाना के पास, मुंडका के पास और नजफगढ़ के पास हजारों हेक्टेयर लैंड को सेक्टर में फ्लैट बनाने के लिए बांटा है। इन जोन के बाद में नाम भी रखे जाएंगे। लेकिन फिलहाल इन्हें जोन के नाम से ही कंस्ट्रक्शन के काम पूरा होने तक जाना जाएगा।
लाखों फ्लैट होंगे तैयार, बनेंगे कॉम्पलेक्स लैंडपुलिंग पॉलिसी के तहत डीडीए ने बख्तावरपुर गांव के पास तिग्गीपुर गांव के पास की जमीन को पी-2 जोन नाम दिया है। इसके अलावा बवाना के पास एन जोन, मुंडका के पास के-1 जोन, नजफगढ़ के पास धांसा क्षेत्र में एल जोन नाम दिया गया है। वहीं, साउथ वेस्ट दिल्ली में एक क्षेत्र को जे जोन नाम दिया गया है। इन सभी जोनों में जोनों में 12 सालों में 16 लाख से ज्यादा फ्लैट तैयार करने की योजना है। इसमें 80 लाख से ज्यादा लोग रह सकेंगे। इसमें कई एग्जीबिशन सेंटर, स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, इंडस्ट्रियल यूनिट्स, नौकरियों के लिए विभिन्न अवसर समेत बेहतर रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के डेवलप होने पर भी काम हो रहा है। एल जोन में 6 लाख से ज्यादा फ्लैट, एन जोन में साढ़े पांच लाख से ज्यादा फ्लैट, पी-2 जोन में 2 लाख से ज्यादा फ्लैट, के-1 जोन में एक लाख 70 हजार से ज्यादा फ्लैट और जे जोन में में जे जोन में एक हजार से ज्यादा फ्लैट बनाने की परियोजना है।
बख्तावरपुर गांव से जुड़ेगा हाइवे, स्ट्रीट लाइट के खंभे हुए स्थापित बख्तावरपुर गांव के पास तिग्गीपुर गांव पर बनने वाले पी-2 जोन में दो लाख से ज्यादा फ्लैट तैयार करने की योजना है। लैंडपुलिंग पॉलिसी के तहत विभिन्न गांवों की जमीनों को हासिल किया गया है। बख्तावरपुर गांव के पास तिग्गीपुर गांव के बेहतर कनेक्टिविटी के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया(एनएचएआई) की तरफ से बड़ा फ्लाईओवर व सड़क मार्ग भी तैयार किया जा रहा है। यह मुकरबा चौक के हाईवे रूट के साथ बख्तावरपुर गांव और नरेला के पास होलंबी कला के क्षेत्र को जोड़ेगा। इस प्रोजेक्ट को अर्बन एक्सटेंशन रोड नाम दिया गया है। साथ ही बख्तावरपुर गांव के रूट पर कई स्ट्रीट लाइट के खंभे भी स्थापित किए गए हैं।
सेक्टरों के लिए बनेगा कंसोर्टियम डीडीए की तरफ से लैंडपुलिंग पॉलिसी के तहत जोनों के सेक्टरों के लिए कंसोर्टियम को बनाया जाएगा। यह कंसोर्टियम डीडीए के साथ विभिन्न डेवलपमेंट के कामों पर ध्यान केंद्रित करते हुए काम करेंगे। यह लैंड की रजिस्ट्रेशन से लेकर अन्य कागजी कामों का डीडीए के समक्ष प्रतिनिधित्व करेंगे। हाल ही में जुलाई के पहले हफ्ते में डीडीए ने पांच और सेक्टरों के लिए कंसोर्टियम बनाने के लिए सूचना जारी की और अधिकारियों के साथ गांवों के प्रतिनिधि व प्रस्तावित कंसोर्टियम के सदस्य भी मौजूद रहे। पी-2 जोन के तहत सेक्टर 2 और 3 और जोन एन में सेक्टर-10 ए के लिए डीडीए की बैठक हुई। जिसमें कंसोर्टियम बनाने की अंतरिम सूचना जारी कई गई। इस कंसोर्टियम की बदौलत लैंडपुलिंग पॉलिसी के जमीनी स्तर पर कामकाज से संबंधित मुद्दों और बाधाओं के लिए काम किया जाएगा। विभिन्न जोनों में डीडीए द्वारा कंसोर्टियम के गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है।
अच्छे और चौड़े फ्लेट बनाने पर हो काम विशेषज्ञों और लोगों का कहना है कि डीडीए लैंडपुलिंग पॉलिसी के तहत फ्लैट तैयार कर रहा है, यह अच्छी बात है। लेकिन नरेला के पास सेक्टर-34 में जिस तरीके से फ्लैट तैयार किए गए हैं। उसी तरीके से डेवलपर और डीडीए साथ मिलकर फ्लैट तैयार न करें। आज भी सेक्टर-34 में बने हजारों फ्लैटों को खरीदार नहीं मिले हैं। सेक्टर-34 फ्लैट बहुत ही छोटे हैं, जिनमें ड्राइंग रूम और कमरे इतने छोटे हैं कि वहां पर दो कमरों के फ्लैट में बेहतर तरीके से फर्नीचर भी नहीं आ सकता है। इसलिए इससे सबक लेते हुए डीडीए को बेहतर योजना पर काम करने की आवश्यकता है।
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