मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का पहला कारण निष्पक्ष एवं स्वतंत्र जांच सुनिश्चित करना है। मंगलवार को ओक ओवर में प्रेसवार्ता के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यह जानकारी दी। कहा कि सरकार ने पुलिस पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला लिया है। जहां तक पुलिस की संलिप्तता की बात है तो इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता। सीबीआई की जांच से ही सारी बातें सामने आएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पेपर लीक की आशंका को देखते हुए सरकार ने तुरंत एसआईटी का गठन किया था और लिखित परीक्षा को रद्द किया गया। वर्तमान में इस मामले की जांच राज्य पुलिस का विशेष जांच दल कर रहा है और राज्य पुलिस द्वारा ही कांस्टेबल भर्ती के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया था। मामले में अब तक करीब 73 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें 38 कैंडिडेट हैं।
मालूम हो कि हिमाचल पुलिस का पेपर लीक होने का मामले कांगड़ा में सामने आया था। इसके बाद सीएम जयराम ठाकुर ने पेपर रद्द करने का ऐलान किया था और जल्द ही पेपर करवाने की बात कही थी। बता दें, पुलिस कांस्टेबल के 1334 पदों के लिए एक लाख से ज्यादा युवाओं ने आवेदन भरा था और लिखित परीक्षा में 74,000 युवा बैठे थे। तो वहीं इस परीक्षा में तीन अभ्यर्थियों ने परीक्षा में 90 में से 70 मार्क्स हासिल किए। जब इनके दस्तावेज जांचे गए तो 10वीं और 12वीं कक्षा में इनके एवरेज मार्क्स थे।
शक के माध्यम से पुलिस ने तीनों अभ्यर्थियों से पूछताछ की। सख्ती से पूछताछ के दौरान तीनों युवक टूट गये और सारी कहानी उगल दी। पूछताछ में पता चला है कि 7 से 8 लाख रुपये देकर पहले ही पेपर लीक किए गए थे। पुलिस को जिस प्रिंटिंग प्रेस में पेपर की छपाई हुई है, वहां से पर्चों के लीक होने की आशंका है।