अयोध्या में रामलला और हनुमानगढ़ी का दर्शन करने पहुंचे कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने यह मांग की है। उन्होंने कहा कि कुतुब मीनार और ताजमहल भारत सरकार के अधीन है। यह किसी भी धर्म से जुड़ा नहीं है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वो ताजमहल और कुतुब मीनार को हिंदुओं को सौंप दें। दूसरी ओर झानवापी के मसले पर प्रमोद कृष्णम ने कहा कि यह मसला आस्था और भारत की जन भावनाओं से जुड़ा है और इस समय न्यायालय में विचाराधीन है। प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं होती। न्यायपालिका का जो भी आदेश होगा उसे हर किसी को मानना होगा। इसी दौरान उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि ज्ञानवापी में शिवलिंग को अभी तक क्यों छिपाया गया और किसने छिपाया।
उल्लेखनीय हो कि कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पुत्र दीपेंद्र हुड्डा भी प्रमोद कृष्णम के साथ अयोध्या रामलला के दर्शन को पहुंचे थे। हुड्डा ने ज्ञानवापी के मसले पर कहा कि राम मंदिर की तरह ही ज्ञानवापी मसले पर कोर्ट फैसला लेगा। बताते चले कि कांग्रेसी नेता प्रमोद कृष्णम श्री कल्कि पीठ के पीठाधीश्वर भी है। अयोध्या में उनके साथ कांग्रेस के विधायक नीरज शर्मा भी मौजूद थे।
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राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने पूजा-अर्चना की तस्वीरें ट्वीट करते हुए लिखा कि श्री अयोध्या जी पहुंचकर हनुमानगढ़ी में संकट मोचन हनुमान जी महाराज के दर्शन कर समस्त देशवासियों के लिए सुख समृद्धि प्रदान करने की प्रार्थना कीं। अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान् श्रीराम की नगरी अयोध्या जी पहुँचकर प्रभु श्री रामलला के दरबार में माथा टेकने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। समस्त प्राणी मात्र के कल्याण के लिए प्रार्थना करते हुए आनंद की अद्भुत अनुभूति हुई। इन सभी ट्वीटों में आचार्य प्रमोद कृष्णम भी साथ-साथ दिखे।