इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद पत्रकारिता का सफर
मनीष कश्यप बिहार का एक यूट्यूबर पत्रकार है। Sach Tak News के नाम से यूट्यूब पर इसका चैनल है। जिसके लाखों फॉलोवर है। बिहार की छोटी-बड़ी घटनाओं और समस्याओं पर निडर रिपोर्टिंग करने से मनीष कश्यप ने अपने करियर की शुरुआत की। धीरे-धीरे लोग इसकी निडर रिपोर्टिंग के कायल होते गए और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाला मनीष कश्यप बिहार की पत्रकारिता जगत का उभरता हुआ सितारा बन गया।
कई वीडियो में अफसरों को हड़काते हुए दिखा है मनीष कश्यप
हालांकि पुलिस रिकॉर्ड में मनीष कश्यप कई आपराधिक मामलें भी दर्ज हुए। इसमें सरकारी काम में बाधा डालने के साथ-साथ पटना में कश्मीरी युवक के साथ पिटाई करने का मामला भी शामिल है। पटना में कश्मीरियों के साथ पिटाई के मामले में मनीष कश्यप को जेल भी जाना पड़ा। लेकिन जेल से आने के बाद फिर पुराने तेवर से रिपोर्टिंग करते हुए उसने लोकप्रियता हासिल की।
तमिलनाडु में बिहारियों की पिटाई से जुड़ा है मामला-
बिहार पुलिस इन दिनों मनीष कश्यप के पीछे जिस मामले में पड़ी है वह तमिलनाडु जुड़ा है। दरअसल बीते एक हफ्ते से तमिलनाडु में बिहार के लोगों के साथ मारपीट और हमलों की खबरों सामने आई। खबरों में दावा किया गया कि बिहार के लोगों को तमिलनाडु में दौड़ा-दौड़ा कर पीटा जा रहा है। उन्हें वापस जाने की बात कही जा रही है। लेकिन तमिलनाडु पुलिस ने इस खबरों को अफवाह बताया।
जांच कर वापस लौटी टीम ने बताया हमले की बात गलत-
फिर भी बिहार में बीजेपी और अन्य विपक्षी दल इस मुद्दे पर सरकार पर हमलावर रहे। ऐसे में बिहार से अधिकारियों की एक टीम तमिलनाडु भेजी गई। जो तीन दिन तक वहां रहकर स्थितियों का जायजा लेकर पटना वापस लौटी। टीम ने बताया कि तमिलनाडु में बिहारियों की पिटाई जैसी कोई बात नहीं है। फर्जी खबर और अफवाह फैला कर दो राज्यों के रिश्ते को खराब किया गया।
अफवाह फैलाया, फिर उसे सही साबित करने के लिए गलत वीडियो बनाया-
इधर बिहार पुलिस ने मामले की तह तक जाने के लिए छानबीन शुरू की। छानबीन के बाद बिहार पुलिस ने तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों पर हमलों का फर्जी वीडियो बनाने के मामले में चार लोगों पर प्राथमिकी की। इन चार लोगों में से एक नाम मनीष कश्यप का है। मनीष कश्यप पर आरोप है कि उसने पहले तो फर्जी खबरे चलाई और फिर बाद में उसे सही साबित करने के लिए अपने दोस्तों के साथ पटना में भी फर्जी वीडियो शूट किया।
मुख्य आरोपी को जमुई जिले से किया गया गिरफ्तार-
पुलिस के अनुसार फर्जी वीडियो बनाने वाले मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। बिहार पुलिस के एक प्रवक्ता के अनुसार, दो आरोपी मनीष कश्यप और यूराज सिंह फरार हैं। पुलिस जमुई जिले के मूल निवासी आरोपी अमन कुमार को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। प्रवक्ता ने कहा, मुख्य आरोपी गोपालगंज जिले के मूल निवासी राकेश रंजन कुमार ने 6 मार्च को 2 व्यक्तियों की मदद से जक्कनपुर थाना अंतर्गत पटना की बंगाली कॉलोनी में किराए के मकान में फर्जी वीडियो बनाया था।
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गिरफ्तार आरोपी ने कबूल किया अपना जुर्म-
गिरफ्तार आरोपी ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। वीडियो बनाने के पीछे बिहार और तमिलनाडु की पुलिस को गुमराह करना था। प्रवक्ता ने कहा कि हमने राकेश रंजन कुमार के मकान मालिक से भी पूछताछ की, उन्होंने भी पुष्टि की है कि वीडियो उनके घर पर बनाया गया था। उन्होंने कहा,जांच दल ने पटना में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) पुलिस स्टेशन में राकेश रंजन, मनीष कश्यप, यूराज सिंह और अमन कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
हमले के फर्जी वीडियो को मनीष कश्यप ने ट्वीट किया और भड़काऊ वीडियो बनाए
पुलिस ने कहा कि राकेश रंजन कुमार द्वारा बनाए गए एक वीडियो को 8 मार्च को मनीष कश्यप नाम के व्यक्ति ने ट्वीट किया था। उसने वीडियो को बीएनआर न्यूज हनी नाम के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया था। प्रवक्ता ने बताया, वीडियो में दो लोग किसी चीज से बंधे नजर आ रहे हैं। वीडियो संदिग्ध लग रहा था। जांच के दौरान सामने आया कि वीडियो राकेश रंजन कुमार ने बनाया था। उसे गोपालगंज से हिरासत में लेकर ईओयू थाने में पटना लाया गया। उसने अपराध कबूल कर लिया। प्रवक्ता ने विस्तार से बताया।
मनीष कश्यप के खिलाफ सात आपराधिक मामले-
पुलिस के मुताबिक मनीष कश्यप के खिलाफ सात आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह पुलिस टीम पर हमला करने में भी शामिल था। पुलवामा की घटना के बाद, वह पटना के ल्हासा बाजार में कुछ कश्मीरी व्यापारियों की पिटाई करने में शामिल था और जेल की सजा काट चुका है। वह पूर्व में कई आपत्तिजनक सांप्रदायिक पोस्ट अपलोड करने में भी शामिल था।
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