RBI गवर्नर
इकॉनोमी के मास्टर माने जाने वाले डॉ मनमोहन सिंह अर्थशास्त्र महारथी थे। यही वजह है कि साल 1982 में उन्हें भारत के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई की गवर्नर बनाया गया। इस पद पर मनमोहन सिंह 1985 तक रहे।
इकॉनोमिक एडवाइजर का पद
1972 में मनमोहन सिंह ने चीफ इकॉनोमिक एडवाइजर के पद पर कार्यरत थे। इस पर वो करीब चार साल तक रहे थे। इसके अलावा उन्हें प्लानिंग कमीशन का भी हेड बनाया गया था और 1985 से लेकर 87 तक उन्होंने यह कार्यभार संभाला था।
बनें थे वित्त मंत्री
अर्थव्यवस्था में मनमोहन सिंह के ज्ञान हुए 1991 में पीवी नरसिम्हा राव सरकार में पहली बार उन्हें वित्त मंत्री बनाया गया था। जहां उन्होंने अपनी समझदारी और आर्थिक नीति के दम पर कई सारे बदलाव किए। हालांकि इस पद के दौरान उन्हें विपक्षी नेता अटल बिहारी वाजपेयी की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
इन सम्मान से नवाजा गया
डॉ. सिंह की प्रतिबद्धता और उनकी अनेक उपलब्धियों को उन अनेक सम्मानों से नवाजा गया था। इनमें 1987 में पद्म विभूषण, 1993 में वित्त मंत्री के लिए यूरो मनी पुरस्कार, 1993 और 1994 में वित्त मंत्री के लिए एशिया मनी पुरस्कार और 1995 में भारतीय विज्ञान कांग्रेस का जवाहरलाल नेहरू जन्म शताब्दी पुरस्कार शामिल हैं।