script26/11 के 15 साल : मुंबई में आतंकियों ने मचाया था कोहराम, जानिए अब कितनी मुस्तैद हुई सुरक्षा और क्या हैं खामियां | 15 years after 26-11: Mumbai terror attack changed India's security structure | Patrika News
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26/11 के 15 साल : मुंबई में आतंकियों ने मचाया था कोहराम, जानिए अब कितनी मुस्तैद हुई सुरक्षा और क्या हैं खामियां

26/11 के बाद नौसेना को समुद्री सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी दी गई। भारतीय तट रक्षक को क्षेत्रीय जल का अधिकार दिया। उसे भारत के समुद्र तट पर आने वाले सैकड़ों नए समुद्री पुलिस थानों के साथ समन्वय करने की जिम्मेदारी सौंपी गई।

Nov 26, 2023 / 08:43 am

Shaitan Prajapat

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मुंबई में 15 साल पहले हुए 26/11 के आतंकी हमलों के बाद भारत के सुरक्षा तंत्र में काफी बुनियादी बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों में समुद्री सुरक्षा को कड़ा करने और खुफिया ग्रिड में खामियों को ठीक करने से लेकर आतंकवाद से निपटने के लिए कानूनी ढांचे को मजबूत करने और आतंकी मामलों की जांच के लिए विशेष एजेंसियों की स्थापना जैसे उपाय शामिल हैं। आइए आइए जानते क्या—क्या उपाय किए गए।


ये किए उपाय

समुद्री सुरक्षा सुधार

26/11 के बाद नौसेना को समुद्री सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी दी गई। भारतीय तट रक्षक को क्षेत्रीय जल का अधिकार दिया। उसे भारत के समुद्र तट पर आने वाले सैकड़ों नए समुद्री पुलिस थानों के साथ समन्वय करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। सरकार ने 20 मीटर से अधिक लंबे सभी जहाजों के लिए स्वचालित पहचान प्रणाली रखना अनिवार्य कर दिया है, जो इनकी पहचान और जानकारी जारी करता है।

खुफिया समन्वय

इंटेलिजेंस ब्यूरो (आइबी) के मल्टीएजेंसी सेंटर (एमएसी) को मजबूत किया गया है। इसका प्राथमिक काम केंद्रीय एजेंसियों, सशस्त्र बलों और राज्य पुलिस के बीच खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान का समन्वय करना है। सहायक एमएसी को फिर सक्रिय किया। सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए नियमित बैठकें व इसके चार्टर में आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को शामिल करने को विस्तारित किया है।

कानूनों में बदलाव

आतंकवाद की परिभाषा का विस्तार करने को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम में संशोधन किया। देश में पहली वास्तविक संघीय जांच एजेंसी बनाने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) अधिनियम संसद से पारित। एनआइए के पास किसी भी राज्य में आतंक के मामले को स्वत: संज्ञान में लेने की शक्ति है।

पुलिस बलों का आधुनिकीकरण

कुछ पुलिस अधिकारियों और जवानों की बहादुरी के बावजूद स्थानीय पुलिस की विफलता को देखते हुए केंद्र ने राज्य पुलिस बलों के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया है। केंद्र ने राज्य को थानों को अत्याधुनिक बनाने, पुलिसकर्मियों को आतंकवाद सहित आधुनिक पुलिसिंग की चुनौतियों से निपटने को प्रशिक्षित करने आदि के लिए अधिक धन उपलब्ध कराया है।

फिर भी कुछ खामियां बाकी

इन प्रयासों के बावजूद सुरक्षा ग्रिड में अभी भी कुछ खामियां है। राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण राज्य पुलिस बल पर्याप्त उपकरणों से सुसज्जित व प्रशिक्षित नहीं हैं। समुद्री सुरक्षा के हिसाब से उन जहाजों को ट्रैक करने के सीमित विकल्प हैं, जो एआइएस सिग्नल प्रसारित नहीं करते हैं। देश के कई छोटे शिपिंग जहाजों में कोई ट्रांसपोंडर नहीं है।

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