राजनीतिक जीवन के उत्तरार्द्ध में भाजपा के विश्वनाथ सिंह पटेल ने कांग्रेस के संजय शर्मा को हरा दिया। साल 2018 के चुनाव में दादा विश्वनाथ कांग्रेस के ही संजय शर्मा से पराजित हुए थे। इस बार पार्टी ने दादा विश्वनाथ पर भरोसा व्यक्त किया है। चुनाव जीतने के बाद विश्वनाथ प्रताप सिंह कहते हैं कि हम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और हमारी लाडली बहनों के आभारी हैं। सीएम ने डोभी में हमारे लिए झोली फैलाई थी, तो जन आशीर्वाद मिला। जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हूं।
सीएम की सभा का असर भाजपा प्रत्याशी ने पूर्व में भी विधानसभा का चुनाव लड़ा था। बीते चुनावों में उन्हें जो हार मिली थी, उससे उन्हें इसचुनाव का प्रबंधन करने में काफी सहायता मिली। कांग्रेस पूरी तरह से मैदानी स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने में सफल नहीं हो सकी। भाजपा प्रत्याशी को क्षेत्र के कौरव, किरार और अन्य वर्ग के मतदाताओं को साधने में सफता मिली। मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले की
तेंदूखेड़ा सीट पर घमासान था। यह सीट फिलहाल कांग्रेस के संजय शर्मा पास है। 17 नवंबर को हुए मतदान में मतदान प्रतिशत कुल 85.69 फीसदी पर पहुंच गया। तेंदूखेडा़ विधानसभा सीट पर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कुल 169691 मतदाता थे। जिन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी संजय शर्मा को 8643 वोटों से हरा दिया था। संजय को 70 हजार 127 वोट मिले थे। वहीं भाजपा उम्मीदवार विश्वनाथ सिंह मुलायम भैया को 61 हजार 484 वोट मिले थे। इससे पहले 2013 की बात करें तो भाजपा के प्रत्याशी संजय शर्मा ने जीत दर्ज की थी। संजय शर्मा को 81,938 वोट मिले थे। कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र ढिमोले को 37 हजार 336 वोट मिले थे। हार-जीत का अंतर 44602 था। इससे पहले 2008 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी की ओर से राव उदय प्रताप सिंह को कुल 44435 वोट मिले थे। जबकि भाजपा उम्मीदवार संजय शर्मा को 37 हजार 810 वोट मिले थे। हार-जीत का अंतर 6625 था।
तेंदुखेड़ा विधानसभा सीट के प्रमुख मुद्दे – बढ़ती महंगाई सबसे बड़ा मुद्दा
– किसानों को फसलों का उचित दाम न मिलना
– नेशनल हाइवे पर होने के बावजूद क्षेत्र में विकास की कमी
– हायर एजुकेशन के लिए संस्थान नहीं, बेरोजगारी।