इससे पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को जिले के परमहंसी गंगा आश्रम झोतेश्वर पहुंचे। साथ ही, श्री द्वारका शारदापीठ के शंकराचार्य परम पूज्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के अंतिम दर्शन करने के साथ साथ उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
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भावुक हुए शिवराज
इस दौरान मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि, स्वामी जी सनातन धर्म के ध्वजवाहक और हमारी संस्कृति और जीवन मूल्यों के पोषक, योद्धा, सन्यासी थे। उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई भी लड़ी। उन्होंने जीवनभर ही लोगों को सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। उन्होंने गरीबों, जनजातियों, दलितों की सेवाओं के लिए अनेक प्रकल्प खड़े किए। वे उदभट विद्यान और अदभुत संत थे। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ब्रम्हलीन स्वामी जी के चरणों में प्रणाम करते हुए कहा कि, वो सनातन धर्म के सूर्य थे। उनके जाने से प्रदेश सूना हो गया। उन्होंने हमें जो राह दिखाई है हम सभी उस पर चलने का विनम्र प्रयास करेंगे।
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राजकीय शोक घोषित
इससे पहले मुख्यमंत्री ने द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य परम पूज्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के ब्रह्मलीन होने पर प्रदेशभर के लिए एक दिवसीय राजकीय शोक घोषित किया। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान परमहंसा धाम में नरसिंहपुर कलेक्टर कार्ययोजना से जुड़े कई दिशा-निर्देश दिए थे। साथ ही, सीएम ने शंक्राचार्य का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान करने की घोषमा की थी।