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नरसिंहपुर

मार्च तक स्मार्ट हो जाएंगे शहर के 24000 बिजली उपभोक्ता

24 हजार है शहर के उपभोक्तानरसिंहपुर शहरी क्षेत्र में पंजीकृत उपभोक्ताओं की संख्या करीब 24 हजार है। इन सभी उपभोक्ताओं के घरों के मीटर बदलने का काम वर्तमान में तेज गति से किया जा रहा है। इस दौरान कई उपभोक्ताओं ने पहले तो अरुचि दिखाई।

नरसिंहपुरJan 09, 2025 / 07:41 pm

brajesh tiwari

Digital electric meters in a row measuring power use. Electricity consumption concept. 3d illustration

नरसिंहपुर- शहर में 12 हजार घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। शहरी क्षेत्र के शेष आठ हजार घरों में मार्च के अंत तक नए मीटर लगवा दिए जाएंगे। इससे उपभोक्ता अपनी बिजली खपत को रोजाना मोबाइल पर देख सकेंगे। इसके साथ ही स्मार्ट मीटर से ऑटोमेटिक रीडिंग होने से गलत रीडिंग की शिकायतें दूर होंगी। इसके अलावा उपभोक्ता रोजाना अपनी बिजली खपत का पता कर सकेंगे और खपत को नियंत्रित कर सकेंगे। उपभोक्ताओं को इसके लिए अपने मोबाइल पर गूगल प्ले स्टोर से स्मार्ट बिजली एप डाउनलोड करना होगा। इसके बाद वे रीयल टाइम में अपनी बिजली खपत की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अधिकारियों का दावा है कि नए स्मार्ट मीटर बिलिंग व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी बनाएंगे। इससे शिकायतों में कमी आएगी।
24 हजार है शहर के उपभोक्तानरसिंहपुर शहरी क्षेत्र में पंजीकृत उपभोक्ताओं की संख्या करीब 24 हजार है। इन सभी उपभोक्ताओं के घरों के मीटर बदलने का काम वर्तमान में तेज गति से किया जा रहा है। इस दौरान कई उपभोक्ताओं ने पहले तो अरुचि दिखाई। लेकिन अंत में उन्होंने मीटर बदलवा लिए। कई जगह तो उपभोक्ताओं की अनुपस्थिति में ही मीटर बदल दिए गए। शहरी विद्युत वितरण केंद्र के सहायक इंजीनियर प्रसून शर्मा ने बताया कि शहरी क्षेत्र में व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के करीब 5 हजार मीटर पहले ही बदले जा चुके थे। घरेलू से संबंधित 19 हजार के लगभग मीटर बदले जाने थे, जिसमें से लगभग12 हजार घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम पूरा हो चुका है। शेष करीब 7 हजार घरों में स्मार्ट मीटर लगवाने का काम तेजी से कराया जा रहा है। उन्होने उम्मीद जताई कि मार्च माह तक शत.प्रतिशत घरों में स्मार्ट मीटर लगा दिए जाएंगे।
ऑटोमेटिक सर्वर में अपलोड होगी रीडिंगपुराने और वर्तमान में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर को लेकर उपभोक्ताओं में अभी भी कई तरह के भ्रम हैं। इसके उलट अधिकारियों का दावा है कि दोनों ही तरह के मीटरों में अंतर सिर्फ मीटर रीडिंग भर का है। गौरतलब है वर्तमान पुराने मीटरों की रीडिंग करने के लिए कर्मचारियों को घर-घर जाना पड़ता था। जबकि स्मार्ट मीटर में रीडिंग ऑटोमेटिक जबलपुर स्थित सर्वर में दर्ज हो जाएगी। यहां से बिल राशि का मैसेज उपभोक्ता के मोबाइल पर पहुंच जाएगा। सहायक अभियंता प्रसून शर्मा के अनुसार स्मार्ट मीटर रेडियो फ्रि क्वेंसी पर काम करेगा। मीटर का कनेक्शन जिस खंबे पर होगाए वहां पर राउटर लगा होगा। कितनी बिजली की खपत हो रही है, इसका मैसेज स्मार्ट मीटर से यहां पहुंचेगा। जिसका डेटा सर्वर में स्टोर होता रहेगा। अधिकारी के अनुसार वर्तमान में स्मार्ट मीटर पूरी तरह से निशुल्क लगाए जा रहे हैं। इनका कोई अतिरिक्त खर्च नहीं लिया जाएगा।
नियमित खपत देखने डाउनलोड करना होगा एपउपभोक्ताओं को इसके लिए अपने मोबाइल पर गूगल प्ले स्टोर से स्मार्ट बिजली एप डाउनलोड करना होगा। इसमें गेस्ट यूजर का विकल्प चुनने के बाद एप के डैशबोर्ड के नीचे तरफ स्मार्ट मीटर का आप्शन दिखेगा। इस पर क्लिप करने के बाद आईवीआरएस नंबर उपभोक्ता संख्या डालकर सब्मिट करने पर रीयल टाइम में कितनी बिजली खपत हुई। इसका पता लगाया जा सकेगा। उपभोक्ताओं को खपत को नियंत्रित करने में मदद मिल सकेगी।

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