scriptदुधी,सीतारेवा ओर शक्कर नदी में हो रहा मशीनों से रेत का खनन | Sand mining by machines being carried out in Dudhi, Sitarewa and Sugar | Patrika News
नरसिंहपुर

दुधी,सीतारेवा ओर शक्कर नदी में हो रहा मशीनों से रेत का खनन

जिले में कई जगहों पर खनिज विभाग की तमाम शर्तों और दिशा निर्देशों का उल्लंघन करते हुए दुधी,सीतारेवा ओर शक्कर नदी में धड़ल्ले से अवैध रेत खनन किया जा रहा है

नरसिंहपुरMay 12, 2021 / 11:03 pm

ajay khare

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नरसिंहपुर. जिले में कई जगहों पर खनिज विभाग की तमाम शर्तों और दिशा निर्देशों का उल्लंघन करते हुए दुधी,सीतारेवा ओर शक्कर नदी में धड़ल्ले से अवैध रेत खनन किया जा रहा है। पोकलेन मशीनों से नदी की रेत को निकाला जा रहा है,साथ ही सरकार को लाखों रुपए के राजस्व की क्षति पहुंचाते हुए रॉयल्टी की चोरी भी की जा रही है। खनन भी ऐसी जगह किया जा रहा है, जहां मशीन के इस्तेमाल की अनुमति नहीं है।
पीएम आवास बनाना हुआ महंगा, गरीबों को महंगे दामों में खरीदनी पड़ रही रेत
रॉयल्टी काफी ज्यादा २००० रुपए होने के कारण प्रधानमंत्री आवास हितग्राहियों पर असर पड़ रहा है। जिले में एक ट्रैक्टर रेत की कीमत 4000 से लेकर 4500 तक हो गई है, धनलक्ष्मी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा रॉयल्टी के नाम पर जबरन वसूली की जा रही है, ऐसी स्थिति में गरीबों को मकान बनाना महंगा पड़ रहा है।
निर्धारित सीमा क्षेत्र के बाहर से कर रहे खनन
गौरतलब है कि खनिज विभाग ने जिले की सभी खदानों में निर्धारित सीमांकन ओर निर्धारित रेत उत्खनन की मात्रा पहले से ही तय की हुई है पर इसके विपरीत धनलक्ष्मी कंपनी निर्धारित सीमा के बाहर से रेत का उत्खनन कर रही है। गाडरवारा तहसील के अंतर्गत आने वाली मुआर,तूमड़ा,साईंखेड़ा,संसारखेड़ा, ढिगसरा ओर अजंदा रेत खदानों में कई महीनों से निर्धारित सीमा क्षेत्र के बाहर से कंपनी द्वारा उत्खनन किया जा रहा है ।
ओवरलोड डंपरों पर नहीं हो रही कार्रवाई, मटियामेट हो रहीं सड़कें
जिले की सड़कों पर दिन रात डंपर चालक तेज रफ्तार के साथ वाहनों में ओवर लोड रेत भरकर अवैध रूप से परिवहन कर रहे हैं, जिससे जहां हादसों की आशंका बनी हुई है तो वहीं शासन को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है। धनलक्ष्मी कंपनी के सामने प्रशासनिक अफसर व खनिज विभाग के अधिकारी बौने साबित हो रहे हंै। जिले से प्रति दिन सैकड़ों की संख्या में रेत से भरे डंपर निकलते हंै। इन डंपरों में ओवरलोड रेत भरी होने के कारण सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो रही हैं।ओवरलोड रेत से भरे डंपर पुलिस थाना, एसडीएम व तहसीलदार कार्यालय के समाने से बेखौफ होकर प्रति दिन निकलते हैं लेकिन इन डंपरों पर कार्रवाई नहीं की जाती,कभी कभार दिखावे के लिए रेत से भरे डंपरों को चैकिंग के नाम पर रोका जाता है। गौरतलब है कि जिले के प्रभारी एवं प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने भी अवैध उत्खनन को लेकर ट्वीट किया था। नर्मदा के अवैध उत्खनन को रोकने के लिए कांग्रेस नेता और होशंगाबाद संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी रहे देवेंद्र पटेल भी पैदल यात्रा निकाल चुके हैं और साथ ही नर्मदा नदी में हो रहे अवैध उत्खनन को लेकर वह कई बार सामने आ चुके हैं।
खनिज निगम की हैं खदानें, छोटी नदियों में मशीनों की अनुमति
इस बारे में प्रभारी खनि अधिकारी ओपी बघेल का कहना है कि जिले की सभी खदानें खनिज निगम की हैं। खनिज विभाग ने उत्खनन पट्टे पर ये खदानें निगम को दी हैं। निगम ने ठेकेदारों को नीलाम की हैं। छोटी नदियों में मशीनों से खनन की अनुमति है पर नर्मदा में मशीनों के उपयोग की अनुमति नहीं है। ठेकेदार स्वीकृत क्षेत्र से बाहर जाकर खनन न करे प्राथमिक तौर पर यह जिम्मेदारी भी निगम की है यदि वह इसकी निगरानी नहीं कर सकता तो भी फिर खनिज विभाग कार्रवाई करता है। रॉयल्टी कितनी वसूलनी है यह भी ठेकेदार तय करेगा। फिलहाल जिले में धनलक्ष्मी द्वारा अवैध उत्खनन या स्वीकृत क्षेत्र से बाहर जाकर खनन की कोई जानकारी नहीं मिली है, यदि ऐसा पाया जाता है तो उसकी जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।

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