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भाजपा विधायक का सनसनीखेज दावा
नरसिंहपुर से भाजपा विधायक और पूर्व राज्यमंत्री जालम सिंह पटेल ने सीएम शिवराज को पत्र लिखकर खुद को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए जाने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने पत्र में लिखा है कि दमोह उपचुनाव में चुनाव प्रचार करने के बाद वो भी कोरोना संक्रमित हो गए थे। कोरोना संक्रमित होने के बाद उन्हें जबलपुर के मेट्रो सिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां 17 से 22 अप्रैल तक उन्हें 6 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए गए। विधायक ने आरोप लगाते हुए बताया कि जब वे अस्पताल में भर्ती हुए थे तो उन्हें जांच के बाद बताया गया था कि उनके लंग्स में 4-6 प्रतिशत इंफेक्शन है। लेकिन इंजेक्शन लगने के बाद बी उनकी खांसी और बुखार ठीक नहीं हुआ। अस्पताल से छुट्टी मिलने के कुछ दिनों बाद भी लगातार ऑक्सीजन लेवल भी घटता रहा। लगातार तबीयत खराब रहने के कारण उन्हें एक बार फिर 25 अप्रैल को उन्हें फिर उसी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां जांच कराने पर पता चला कि उनके लंग्स का इंफेक्शन 14-16 प्रतिशत तक बढ़ गया है और फिर से उन्हें 6 रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए गए। उनका आरोप है कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के अवैध कारोबार को कई राजनीतिक व्यक्ति, सिटी हॉस्टिपल जबलपुर का प्रबंधक और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत है इसलिए मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
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विधायक ने की सिटी हॉस्पिटल को राजसात करने की मांग
विधायक जालम सिंह पटेल ने सीएम शिवराज को लिखे पत्र में मांग की है कि सिटी हॉस्पिटल को राजसात कर उसे सरकारी कोविड सेंटर में तब्दील किया जाना चाहिए और हॉस्पिटल के प्रबंधक व मामले में दोषी पाए जाने वाले सभी आरोपियों पर 5-5 लाख का जुर्माना लगाकर वसूला जिसे बतौर मुआवजा उन परिवारों को दिया जाए जिनके परिवार के सदस्य की मौत नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगने के कारण हुई है। बता दें कि जालम सिंह पटेल केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के छोटे भाई हैं और दबंग विधायक के तौर पर उनकी छवि है।
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