दुबे के पार्थिव शरीर को उनके पुत्र सत्यम दुबे ने मुखाग्नि दी। इस दौरान बगदरी, बीतली सहित आसपास के गांव से आए लोग भी मौजूद रहे। दिवंगत एसआइ दुबे के बड़े भाई रामेश्वर दुबे ने बताया कि, दुबे ने शासकीय सेवा की शुरुआत 25 वर्ष की उम्र में होमगार्ड सैनिक के रूप में की थी। इसके बाद वो आरक्षक, प्रधान आरक्षक और फिर कार्यवाहक एसआई बने। दुबे के दो बेटे और एक बेटी है। वो करीब 35 वर्षों से भोपाल में ही परिजन के साथ रहते थे। वहीं पर पढ़ाई करते हुए शासकीय सेवा में आए थे। परिवार में उनके दो भाई शंभूदयाल दुबे व बृजेश दुबे हैं।
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आसपास के गांववासी भी हुए अंतिम यात्रा में शामिल
भोपाल से दुबे का पार्थिव शरीर विशेष वाहन से शुक्रवार की रात बरमान चौकी क्षेत्र के ग्राम बगदरी पहुंचा। जैसे ही गांव में श्रीराम दुबे के दिवंगत होने की खबर फैली तो पूरा गांव गमगीन हो गया। शनिवार सुबह जब दुबे की अंतिम यात्रा निकली तो बगदरी के साथ ही आसपास के गांवों से भी लोग शामिल हुए।