scriptदेवी भागवत पांचवा वेद: पं गणेशाचार्य | Devi Bhagwat is fifth Veda: Pt. Ganeshacharya | Patrika News
नरसिंहपुर

देवी भागवत पांचवा वेद: पं गणेशाचार्य

जब मनुष्यों के मन में ईष्या का विकार हो जाए तो अच्छी चीज भी कड़वी लगने लगती है

नरसिंहपुरOct 14, 2018 / 06:33 pm

ajay khare

devi bhagwat

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भौंरझिर-गाडरवारा। ग्राम भांैरझिर के बाजार प्रांगण में आयोजित देवी भागवत कथा प्रवचन के चौथे दिवस पर देवी भागवत को पांचवा वेद बताते हुए कथा व्यास पं गणेशाचार्य शास्त्री ने महिषासुर की कथा बताते हुए कहा कि अतीत से लेकर आज तक दोनों वृत्तियां आज भी मौजूद हैं। इनमें पहली देवीय तथा दूसरी आसुरी प्रवृ्रत्ति होती है। पहली देवता तथा दूसरी राक्षसी वृत्ति बतायी गई है। कथा के दौरान अनेक दैत्यों का उदाहरण देते हुए महाबली महिषासुर की बात कही। महिषासुर युद्ध के समय अनेक रूप बदलता था। लेकिन अंत में बलवान असुर दैत्य का देवी ने चक्र से वध किया। बाद में चंड और मुंड की कथा का वर्णन किया गया। वहीं खर दूषण प्रंसग का भी उल्लेखित करते हुए नीति और अनीति की बात की। पंडितजी ने कथा में आगे बताते हुए कहा कि जब मनुष्यों के मन में ईष्या का विकार हो जाए तो मानिए अच्छी चीज भी कड़वी लगने लगती है। साथ ही वही बुरी चीज भी अच्छी लगने लगती है। ठीक वैसे जैसे किसी को सांप के काटने पर नीम मीठी लगने लगती है। यह कथा 17 अक्टूबर तक चलेगी। आयोजक मानस शक्ति संघ भौरझिर के सदस्यों ने सभी श्रद्धालुओं से पहुंच कर धर्मलाभ लेने अपील की है। कथा के दौरान अनेक दैत्यों का उदाहरण देते हुए महाबली महिषासुर की बात कही। महिषासुर युद्ध के समय अनेक रूप बदलता था। लेकिन अंत में बलवान असुर दैत्य का देवी ने चक्र से वध किया। बाद में चंड और मुंड की कथा का वर्णन किया गया। वहीं खर दूषण प्रंसग का भी उल्लेखित करते हुए नीति और अनीति की बात की। पंडितजी ने कथा में आगे बताते हुए कहा कि जब मनुष्यों के मन में ईष्या का विकार हो जाए तो मानिए अच्छी चीज भी कड़वी लगने लगती है। साथ ही वही बुरी चीज भी अच्छी लगने लगती है। ठीक वैसे जैसे किसी को सांप के काटने पर नीम मीठी लगने लगती है। यह कथा 17 अक्टूबर तक चलेगी। आयोजक मानस शक्ति संघ भौरझिर के सदस्यों ने सभी श्रद्धालुओं से पहुंच कर धर्मलाभ लेने अपील की है।

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