scriptप्रतिबंध के बावजूद नर्मदा और दुधी नदी से रात में निकाली जा रही रेत | Despite the ban, sand being removed from Narmada and Dudhi river at ni | Patrika News
नरसिंहपुर

प्रतिबंध के बावजूद नर्मदा और दुधी नदी से रात में निकाली जा रही रेत

मानसून अवधि में 30 जून से रेत खनन पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया गया है लेकिन जिले में कई जगहों पर नदियों से खुलेआम रेत निकाली जा रही है। इन नदियों पर रात में दर्जनों ट्रैक्टर ट्राली से रेत भर कर भेजी जा रही है।

नरसिंहपुरJul 19, 2021 / 09:00 pm

ajay khare

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नरसिंहपुर. मानसून अवधि में 30 जून से रेत खनन पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया गया है लेकिन जिले में कई जगहों पर नदियों से खुलेआम रेत निकाली जा रही है। इन नदियों पर रात में दर्जनों ट्रैक्टर ट्राली से रेत भर कर भेजी जा रही है। रेत खनन की गाइड लाइन की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। नियमानुसार मानसून के दौरान रेत खनन पर प्रतिबंध को लेकर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से सस्टेनेबल सैंड माइनिंग मैनेजमेंट गाइड लाइंस बनाई गई हंै। जिसके अनुसार जिले में मानसून अवधि में यहां 30 जून से 1 अक्टूबर तक रेत खनन पर रोक है । लेकिन स्थानीय प्रशासन, खनिज विभाग के अधिकारियों की उदासीनता की वजह से नर्मदा व दुधी नदी से खुलेआम अवैध रेत खनन चल रहा है।
सहावन ओर तूमड़ा स्टॉक की रॉयल्टी की आड़ में खोदी जा रही रेत
कहीं पर खनन और कहीं की रॉयल्टी की आड़ में अवैध खनन व परिवहन का सिलसिला जारी है। बैरागड़, अर्जुनगांव, ढिगसरा, साईंखेड़ा, बोधरी, गाडरवारा और बगदरा के ग्रामीणों का कहना है कि यहां धनलक्ष्मी कंपनी द्वारा बैरागड़, अर्जुनगांव, ढिगसरा, साईंखेड़ा, बोधरी, गाडरवारा व बगदरा रेत खदानों से रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है और तूमड़ा ओर सहावन स्टॉक की रॉयल्टी दी जा रही है। बताया गया है कि नर्मदा तट से रात के समय ट्रालियों से रेत भरकर लाई जाती है ताकि यह लगे कि गांव के लोग अपने उपयोग के लिए रेत ले जा रहे हैं जबकि यह रेत नर्मदा नदी से उठाकर स्वीकृत स्टॉक स्थल पर बड़ी मात्रा में पहुंचाई जा रही है। यहां से डंपरों में भरकर रेत सप्लाई की जाती है। जबकि धनलक्ष्मी के प्रबंधन का कहना है कि वे नियमानुसार रेत बेच रहे हैं और मानसून अवधि में कहीं भी अवैध खनन नहीं किया जा रहा। स्थानीय रेत माफिया रेत का चोरी से खनन व परिवहन करता है।
बढ़ा दिए रेत के दाम मकान बनाना हुआ मुश्किल
रेत की रॉयल्टी को लेकर अन्य जिले के रेत ठेकेदारों की अपेक्षा यहां धनलक्ष्मी एकाधिकार का फायदा उठा रही है । मानसून से पहले 1050 रु. घन मीटर रॉयल्टी ली जाती थी जबकि अब 1400 रु. घन मीटर की दर से वसूली की जा रही है। जिससे प्रधानमंत्री आवास एवं निजी घर बनाने वालों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।
नाममात्र की कार्रवाई
रेत के अवैध परिवहन को लेकर अभी तक ज्यादातर कार्रवाई केवल उन वाहनों पर हुई जो नरसिंहपुर के अलावा अन्य जिलों से रेत लाकर नरसिंहपुर से गुजरते हैं और धनलक्ष्मी के कर्मचारी उन्हें पकड़ कर पुलिस के हवाले कर देते हंै। धनलक्ष्मी कंपनी के खिलाफ कई गांव वालों न खनिज अधिकारी को मौखिक और लिखित शिकायत की है पर अभी तक किसी भी मामले में धनलक्ष्मी कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
वर्जन
इसकी जांच की जाएगी यदि धनलक्ष्मी कंपनी द्वारा रेत का अवैध तरीके से खनन व परिवहन पाया गया तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। किसी अन्य व्यक्ति द्वारा भी यदि मानसून अवधि में नदियों से रेत का अवैध खनन व परिवहन करना पाया जाएगा तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी।
ओपी बघेल, प्रभारी खनि अधिकारी.
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