त्रुटियों का सुधार करवाने के लिए हलाकान हो रहे हितग्राही
नरसिंहपुर•Sep 19, 2022 / 06:14 pm•
Sanjay Tiwari
आधार-समग्र में अलग-अलग जानकारी, आयुष्मान कार्ड बनाने में हो रही परेशानी
नरसिंहपुर. आयुष्मान भारत योजना या प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजनाएं केन्द्र सरकार की एक स्वास्थ्य योजना है। जिसे 23 सितम्बर 2018 को पूरे भारत में लागू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर लोगों (बीपीएल धारक) को स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराना है। इसके अन्तर्गत आने वाले प्रत्येक परिवार को 5 लाख तक का कैशरहित स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जाना है। लेकिन नरसिंहपुर जिले में केन्द्र सरकार की इस योजना से लगभग 6729 हितग्राही वंचित हैं। ऐसे हितग्राहियों का आयुष्मान कार्ड आवेदन और जानकारियां उपलब्धता के बाद भी नहीं बन सका है। जिसके कारण हितग्राही आयुष्मान कार्ड बनाने विभागीय कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। आयुष्मान कार्ड बनाने में नरसिंहपुर जिला प्रदेश में चौथे पायदान पर खड़ा है। इनके उपर इंदौर, शाजापुर, रतलाम ही आगे हंै। यहां आयुष्मान कार्ड से लाभांवित करने के लिए 7 लाख 36 हजार 698 का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें अब तक 5 लाख 41 हजार 553 लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाया जा सका है, जो 73.51 प्रतिशत है। वहीं लगभग 6 हजार 729 लोगों का आधार की त्रुटियों में आयुष्मान की जानकारियां मैचिंग नहीं होने से अधर में अटक गया है।
सुधार और मैचिंग बन रही चुनौतियां-वर्ष 2011 के आर्थिक जनगणना के उपरांत लोगों की स्थानीय पहचान में समग्र और आधार आईडी बनाने का काम शुरू हुआ। जिसमें आर्थिक जनगणना के बाद परिवार से अलग हुए सदस्यों के बने समग्र आईडी आयुष्मान की जानकारियों में नो रिकार्ड लिख रहा है। यही नहीं उन सर्विस मैन और व्यापारी जिनका बीपीएल कार्ड नहीं बना है, आयुष्मान के लिए आवेदन करने पर डॉटा मैचिंग में नो रिकार्ड लिख रहा है। जानकारों के अनुसार अगर आधार कार्ड में अक्षरों की अशुद्धियां या अन्य त्रुटियां है तो आयुष्मान एप स्वीकार नहीं कर रहा है। जिसके सुधार के लिए लोग विभागीय कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, इनमें समय अधिक लगने के साथ पैसे की भी बर्बादी हो रही है।
आशा कार्यकर्ता नहीं शेयर कर रहीं ओटीपी, नेटवर्क की समस्या भी मैचिंग में बाधा-हाल के दिनों में शासन ने आशा कार्यकर्ताओं को भी मोबाइल एप के माध्यम से आयुष्मान कार्ड फीडिंग की जिम्मेदारी सौंपी है। लेकिन आशा कार्यकर्ताओं का आयुष्मान आइडी नहीं बना हुआ है। इनके आइडी जारी करने मोबाइल पर आने वाली ओटीपी नम्बर को भी कॉर्डिनेटर से शेयर करने में कार्यकर्ता आनाकानी कर रही है। सुदूर ग्रामीण अंचलों में नेटवर्क की कमी से मोबाइल एप पर फेस मैचिंग के दौरान अस्पष्टता पर एप्स उसे रिजेक्ट कर रहा हंै। इससे आशा कार्यकर्ताओंं की भी समस्या बढ़ गई है। कलेक्टर ने कहा है कि लोग पंजीयन कराकर आयुष्मान कार्ड अवश्य बनाएं। स्वास्थ्य बिगडऩे या किसी तरह की दुर्घटना होने पर इस कार्ड के माध्यम से शासकीय व चिन्हित निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड के माध्यम से उपचार कराया जा सकता है। उपचार में लगने वाली राशि का भुगतान मरीज या परिजनों की जगह शासन द्वारा सम्बन्धित अस्पताल को कर दिया जाता है। इसलिए सभी अपना कार्ड अवश्य बनवाएं व योजना का लाभ लें।
&आयुष्मान कार्ड बनाने में हम प्रदेश में चौथे स्थान पर हैं। लक्ष्य पर तेजी से काम किया जा रहा है। आधार में कुछ त्रुटियों के कारण डिसएबल शो कर रहा है। सुधरवाकर बनाया जा रहा है।
सतीश चंद्र अग्रवाल, अतिरिक्त सीइओ जिपं नरसिंहपुर
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