बकायादारों से करना पड़ रहा है नागौर आबकारी विभाग को संघर्ष
मजे की बात यह कि अवैध शराब की रोकथाम में टॉप पर रहे नागौर आबकारी विभाग को अपने ही बकायादारों से संघर्ष करना पड़ रहा है। सूत्रों के अनुसार बकायादारों में अधिकांश की प्रोपर्टी/सपत्ति कुर्क करने के बाद आबकारी विभाग इन्हें नीलाम करने की सोच रहा है। नागौर (डीडवाना-कुचामन) जिले के करीब 185 ठेकेदारों पर 85 करोड़ से अधिक का बकाया जा पहुंचा है। करीब बारह-तेरह साल के बकाया को देखें तो केवल 25 की अचल सपत्ति कुर्क हो पाई है, कुछ के खाते में जमा रकम पर भले ही आबकारी विभाग ने अपना दावा कर दिया पर असलियत यह है कि अधिकांश बकायादारों के खाते ही खाली मिले। आबकारी विभाग खुद अपनी रकम वसूलने में फंस सा गया है। कई ठेकेदारों के नाम कोई सपत्ति नहीं निकली तो उनके परिवार की सामूहिक सपत्ति कुर्की करने लग गया। भले ही ये अभी नीलाम ना हों पर इनकी बिकवाली नहीं हो सकेगी।Cabinet Decision : भजनलाल कैबिनेट का बड़ा फैसला, जिला परिषद, पंचायत समितियां और ग्राम पंचायतों का होगा पुनर्गठन
वसूली का अभियान एमनेस्टी की योजना के बावजूद सुस्त
सूत्रों का कहना है कि ऐसी कई सपत्तियां भी आबकारी विभाग ने कुर्क कर ली है। हालांकि वसूली का अभियान एमनेस्टी की योजना के बावजूद सुस्त है। एमनेस्टी योजना 31 दिसबर को खत्म होने वाली है। योजना के तहत ठेकेदारों को ब्याज माफी समेत अन्य लाभ दिए जा रहे हैं, बावजूद इसके सिर्फ बीस लाख रुपए ही जमा हो पाए। जाहिर सी बात है कि ठेकेदार सरकार का बकाया जमा कराना चाहते ही नहीं हैं। अयोध्या के ठेकेदार राजेश निगम ने करीब चौदह साल पहले ठेके लिए फिर बकाया कर फरार हो गया। यूं तो बकाया सौ करोड़ से भी अधिक है पर एमनेस्टी योजना के तहत मिल रही छूट के चलते यह करीब 25 करोड़ हो गया। हर साल इसे यह फायदा मिलता भी है पर एक रुपए जमा नहीं हो पाए।पांच महीने से बकायादारों को दी राहत
करीब पांच महीने पहले अगस्त में एमनेस्टी योजना आबकारी विभाग ने जारी की है। इसके तहत 31 मार्च 2018 तक के सभी बकाया मामलों में केवल एक चौथाई राशि जमा करानी होगी। बकायादार से किसी तरह का ब्याज नहीं लिया जाएगा। यानी मूल बकाया राशि का तीन-चौथाई मय ब्याज माफ। इसके अलावा एक अप्रेल 2018 से 31 मार्च 2022 तक मूल बकाया में पचास फीसदी की छूट दी गई है। यानी सिर्फ बिना ब्याज के आधा ही जमा कराना है। एक अप्रेल 2022 से 31 मार्च 2024 तक बकाया राशि पर ब्याज पूरा माफ किया गया है।बांसवाड़ा से छीना संभाग का दर्जा, भाजपा, BAP और विधायक की प्रतिक्रिया जानकर चौंक जाएंगे
आंकड़ों पर नजर
31 मार्च 2018 तक बकाया 25 करोड़ 25 लाख1 अप्रेल 2018 से 31 मार्च 2022 तक बकाया-28 करोड़ 33 लाख
वित्तीय वर्ष 2022-23 तक बकाया छह करोड़ 31 लाख
इसके अलावा 23-24 व 24-23 का बकाया जोड़ें तो कुल बकाया 85 करोड़ से अधिक हो गया।