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नागौर में चार साल पहले मिनी सचिवालय के नाम पर 151 बीघा जमीन दी, अब तक बजट नहीं मिला

नागौर में बीकानर रोड पर 151 बीघा जमीन पर मिनी सचिवालय और नया कलक्ट्रेट भवन बनाने के लिए सरकार ने चार साल पहले आवंटित की थी जमीन, मिनी सचिवालय बनने से आम लोगों को जिला स्तर के कामों के लिए अलग-अलग दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी

नागौरJan 02, 2025 / 12:27 pm

shyam choudhary

नागौर कलक्ट्रेट
नागौर. आमजन की सरकारी दफ्तरों तक पहुंच को आसान बनाने के लिए राजस्थान के सभी जिलों में मिनी सचिवालय बनाने की योजना ठण्डे बस्ते में है। प्रदेश के सभी जिला मुखयालयों पर मिनी सचिवालय बनाने की योजना के तहत सरकार ने चार साल पहले नागौर में बीकानेर रोड पर 151 बीघा जमीन तो आवंटित कर दी, लेकिन बजट अब तक जारी नहीं किया, जिसके चलते नागौर में मिनी सचिवालय बनाने की योजना सपना बनकर रह गई है।
नागौर में मिनी सचिवालय बनता है तो कलक्टर, एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार, समाज कल्याण, एसपी ऑफिस, जिला परिषद, स्टांप एंड रजिस्ट्रार, कॉपरेटिव, सीएमएचओ, कृषि, पशुपालन, डिस्कॉम, वन, पीएचईडी, पीडब्लूडी समेत करीब 38 दफ्तर एक ही परिसर में स्थानांतरित कर दिए जाएंगे, जिससे आमजन को तो राहत मिलेगी ही, साथ ही अधिकारियों को भी कलक्ट्रेट में होने वाली बैठकों में भाग लेने के लिए बार-बार गाडिय़ों से नहीं जाना पड़ेगा।
12 जिलों में नागौर का नाम नहीं

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने करीब सात साल पहले जिलों में मिनी सचिवालय बनाने की योजना के तहत पहले चरण में 12 जिलों का चयन किया था। हालांकि 12 जिलों में नागौर का नाम शामिल नहीं था, लेकिन जिनके नाम शामिल किए गए, उनमें भी ज्यादातर में अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है। 12 जिलों में जयपुर, गंगानगर, अलवर, सीकर, प्रतापगढ़, जैसलमेर, सिरोही, जोधपुर, बांसवाड़ा, चूरू, टोंक और धौलपुर को शामिल किया गया था। गौरतलब है कि मिनी सचिवालय बनाकर जिला स्तर के सभी कार्यालय उनमें शिफ्ट किया जाना प्रस्तावित है।
नागौर में सरकारी कार्यालयों में ऐसी दूरियां

– नागौर में कलक्ट्रेट जहां शहर के बीच स्थित है, वहीं अन्य ज्यादातर कार्यालय दो से चार किलोमीटर तक दूर स्थित है।

– शिक्षा विभाग माध्यमिक, प्रारम्भिक, सीएमएचओ, महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यालय बीकानेर रोड पर स्थित हैं। कलक्ट्रेट से इनकी दूरी करीब दो से तीन किलोमीटर तक है।
– जिला परिवहन अधिकारी का कार्यालय बीकानेर रोड पर कलक्ट्रेट से चार किमी दूर है तो हाउसिंग बोर्ड का कार्यालय पांच किमी दूर बालवा रोड कॉलोनी में है।

– सार्वजनिक निर्माण विभाग का कार्यालय सर्किट हाउस के सामने है तो एनएच, डिस्कॉम, कृषि व पशुपालन विभाग के कार्यालय मानासर के पास हैं।
– पीएचईडी का कार्यालय वाटर वक्र्स चौराहे पर है तो सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, आयकर विभाग, बीएसएनएल के कार्यालय कॉलेज के पास कलक्ट्रेट से करीब दो से तीन किलोमीटर दूर हैं।

– वन व खनिज विभाग के कार्यालय स्टेडियम के सामने हैं, जो कलक्ट्रेट से करीब चार किलोमीटर दूर है।
– एसडीएम व तहसीलदार सहित उप पंजीयक कार्यालय मानासर मेला मैदान में संचालित हो रहे हैं, जहां जाने के लिए रेलवे पटरियों को पार करना पड़ता है।

– जिला रोजगार कार्यालय, आयुर्वेद विभाग, राजीविका सहित कुछ कार्यालय ऐसे हैं, जो किराए के भवनों में ऐसी जगह चल रहे हैं, जिनके बारे में आमजन को पता ही नहीं है।
ये होंगे फायदे

– सभी सरकारी कार्यालय एक ही जगह संचालित होने से आमजन को सुविधा रहेगी।

– हर विभाग पर मॉनिटरिंग आसान होगी।

– कलक्ट्रेट में होने वाली बैठकों में शामिल होने के लिए अधिकारियों के समय और वाहनों के फ्यूल की बचत होगी।
– कॉर्पोरेट वर्क कल्चर विकसित किया जा सकेगा।

– मिनी सचिवालय में बनने वाले सरकारी कार्यालयों को वर्तमान की जरूरत के अनुसार सुविधाजनक बनाया जा सकेगा।

– पार्किंग की उचित व्यवस्था की जा सकेगी।
अभी बजट नहीं मिला

मिनी सचिवालय के लिए बजट नहीं मिला है। मुझे तो जमीन आवंटन होने की जानकारी भी नहीं है। बजट मिलेगा तो भी घोषणा राज्य बजट में होगी।

– अरुण कुमार पुरोहित, जिला कलक्टर, नागौर

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