scriptNagaur patrika…बकाया 32 करोड़ वापस नहीं मिला, तीन सौ करोड़ से ज्यादा बांट दिया फसली ऋण, कैसे होगी वसूली | The outstanding amount of Rs 32 crore was not recovered, crop loan of more than Rs 300 crore was distributed, how will recovery be done | Patrika News
नागौर

Nagaur patrika…बकाया 32 करोड़ वापस नहीं मिला, तीन सौ करोड़ से ज्यादा बांट दिया फसली ऋण, कैसे होगी वसूली

–द सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक का गत पांच सालों में बकाया फसली ऋण 32.17 कोड़ की वसूली में आए पसीने-सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक अभी वितरण करेगा अल्पकालीन फसली ऋण करीब 632 करोड़-अवधिपार की श्रेणी में शामिल 12 हजार से ज्यादा किसानों को नहीं मिल पाएगा फसली ऋणनागौर. द नागौर सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की ओर ओर से दिए […]

नागौरJan 03, 2025 / 10:20 pm

Sharad Shukla

द सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक का गत पांच सालों में बकाया फसली ऋण 32.17 कोड़ की वसूली में आए पसीने
-सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक अभी वितरण करेगा अल्पकालीन फसली ऋण करीब 632 करोड़
-अवधिपार की श्रेणी में शामिल 12 हजार से ज्यादा किसानों को नहीं मिल पाएगा फसली ऋण

नागौर. द नागौर सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की ओर ओर से दिए जाने वाले फसली ऋणी काश्तकारों में अवधिपार यानि की डिफॉल्टरों की संख्या 10 हजार का आंकड़ा पार कर गई है। बैंक का इनके ऊपर कुल बकाया राशि भी 32 करोड़ 17 लाख तक पहुंच गई है। इनसे वसूली के लिए बैंक की ओर से प्रयास तो किए जा रहे हैं, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिल पाई है। बकाया के चल रहे भारी-भरकम राशि की वसूली की चिंता में पड़े बैंक ने एक लाख से ज्यादा किसानों में 390 करोड़ से ज्यादा की राशि का अल्पकालीन फसली ऋण में वितरण भी कर दिया है। विशेष बात यह है कि अभी खरीफ का अल्पकालीन फसली ऋण वितरण करना है। अब बैंक की चिंता यह है कि वितरण का आंकड़ा तो बढ़ता जा रहा है, लेकिन इसके साथ ही अवधिपार की श्रेणी में आने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। ऐसे में वसूली कैसे हो पाएगी,जबकि पहले से ही बैंक की करोड़ों की राशि अधरझूल में फंसी हुई है। बैंक प्रशासन की ओर इसके लिए विशेष कार्ययोजना बनाकर काम करने के संकेत दिए हैं। बैंक का मानना है कि वह तो किसानों की मदद करते हैं, लेकिन यह मदद लेने के बाद मूल तक भी जमा करने में आनाकानी करने लगे हैं। काश्तकारों ने रवैया नहीं सुधारा तो फिर बैक निश्चित रूप से अब कार्रवाई करेगा।
600 करोड़ से ज्यादा का होगा फसली ऋण वितरण
द नागौर सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक को बकाया फसली ऋण की वसूली करने में पसीने आने लगे हैं। कारण कि नए सीजन में रबी के ऋण वितरण के पश्चात ही अब खरीफ फसली ऋण वितरण का काम भी शुरू कर दिया गया है। बैंक को कुल 632 करोड़ के लगभग रबी एवं फसली ऋण का वितरण किसानों में करना है। बैंक अधिकारियों का कहना है कि यह लक्ष्य तो जल्द ही पूर्ण कर लिया जाएगा, लेकिन वितरण के साथ ही इनकी वसूली करना अब मुश्किल होने लगा है। कारण साफ है कि पिछले साल में फसली ऋण प्राप्त कर नहीं चुकाने वाले काश्तकारों की संख्या तेजी से बढ़ी है। बैंक अधिकारियों का कहना है कि इस बार फसली ऋण वितरण के साथ ही इनकी वसूली के लिए अभी से ही कार्ययोजना बनाकर काम काम किया जाएगा। ताकि बकाया फसली ऋण का आंकड़ा इतना ज्यादा न बढ़ जाए कि वसूली ही करना ही मुश्किल हो जाए। इसके लिए संबंधित शाखाओं के व्यवस्थापकों को भी बैंक की ओर से आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
एक नजर इस पर
अवधिपार ऋण की श्रेणी में शामिल किसानों की कुल संख्या-12126
अवधिपार श्रेणीमें शामिल काश्तकारों पर बकाया फसली ऋण राशि-32.17
वर्तमान में अल्पकालीन फसली ऋण से लाभान्वित किसानों की संख्या- 124975
बुआई के लिए वर्तमान में वितरित हुई रबी फसली ऋण की राशि-391.18 करोड़
पांच साल में हर साल औसतन डेढ़ गुना बढ़े अवधिपार ऋणी
द नागौर सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2020 से लेकर वर्ष 2024 तक अल्पकालीन फसली ऋण लेकर नहीं चुकाने वालों की संख्या में प्रति वर्ष औसतन डेढ़ गुना का इजाफा हुआ है। यानि की ऋण लिए जाने के बाद उसे नहीं चुकाए जाने की प्रवृति से अब स्थिति विकट होने लगी है। हालांकि बैंक प्रशासन का कहना है कि उसने ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत स्तर पर वसूली के लिए व्यवस्थापकों के माध्यम से प्रयास किए गए हैं, मगर इसमें पूरी तरफ से सफलता नहीं मिल पाई है। वैसे इस प्रयास में कुछ प्रगति जरूर हुई है, मगर यह प्रगति से औसत से कमतर रही है। अधिकारियों का कहना है कि फसली ऋण वितरण का काम पूरा होने के बाद विशेष योजना बनाकर वसूली के लिए टीमों को लगाया जाएगा।
इनको नहीं मिला ऋण
विभागीय जानकारों के अनुसार बैंक की ओर से 12 हजार 126 अवधिपार की श्रेणी में शामिल किसानों को न तो रबी फसली ऋण दिया गया है, और न ही खरीफ का फसली ऋण मिलेगा। बैंक अधिकारियों का मानना है कि यह तो पहले ही बैंक से लिया गया ऋण न चुकाने की वजह से डिफॉल्टर्स की श्रेणी में आ चुके हैं। ऐसे में इनको अल्पकालीन फसली ऋण कैसे दिया जा सकता है।
इनका कहना है…
बैंक की ओर से किसानों में अल्पकालीन फसली ऋण में रबी का फसली ऋण वितरण किया जा चुका है। खरीफ फसली ऋण का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। बकाया वसूली के लिए बैंक की ओर से विशेष कार्ययोजना के तहत काम किया जाएगा।
दीपक तेरवा, प्रबन्ध निदेशक, द नागौर सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक

Hindi News / Nagaur / Nagaur patrika…बकाया 32 करोड़ वापस नहीं मिला, तीन सौ करोड़ से ज्यादा बांट दिया फसली ऋण, कैसे होगी वसूली

ट्रेंडिंग वीडियो