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नागौर

चाइनीज मांझे पर नहीं लग रही रोक, नागौर में खुलेआम बिक रहा, हादसे होने पर उड़ेगी जिम्मेदारों की नींद

पशुपालन विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने सभी जिला कलक्टर को लिखा पत्र, आमजन के साथ पशु-पक्षियों को हानि पहुंचाने व जनहानि से बचने के लिए प्रतिबंधात्मक रोक लगाने की कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश

नागौरJan 05, 2025 / 11:07 am

shyam choudhary

चाइनीज मांझा

नागौर में खुलेआम बिक रहा चाइनीज मांझा

नागौर. शहर और गांवों में पतंग का बाजार सज गया है। दुकानदार हर बार की तरह इस बार भी चाइनीज मांझे की बिक्री बेरोक टोक कर रहे हैं। प्रशासन की नाक के नीचे चाइनीज मांझा खुलेआम बिक रहा है। यह मांझा न केवल आमजन के लिए बल्कि पक्षियों के लिए भी खूनी डोर साबित होता जा रहा है। जिला प्रशासन ने चाइनीज मांझे (धातु निर्मित मांझा) की थोक व खुदरा बिक्री, भंडारण, परिवहन तथा उपयोग को जिले में प्रतिबंधित करने का आदेश तो जारी कर दिया, लेकिन चाइनीज मांझा बेचने व उपयोग करने वालों के खिलाफ अब तक ठोस कार्रवाई नहीं की है। ऐसे में नागौर शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में चाइनीज मांझा धड़ल्ले से बेचा व खरीदा जा रहा है। ऐसा नहीं है कि जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है। लेकिन कार्रवाई की जहमत कोई नहीं उठा रहा है।
गौरतलब है कि गत 17 दिसम्बर को जिला कलक्टर ने आदेश जारी कर नागौर जिले में चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध के साथ ही सवेरे दो घंटे 6 से 8 एवं शाम को एक घंटे 6 से 7 बजे तक की अवधि में पतंग उड़ाने पर पाबन्दी लगाई थी। आदेश में कहा है कि कोई भी व्यक्ति यदि इस प्रकार के चाइनीज मांझों का भण्डारण, विक्रय, परिवहन अथवा उपभोग करेगा तो उसके विरुद्ध कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी, लेकिन पिछले 15 दिन में अभी तक किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है।
नागौर में हादसे का इंतजार क्यों?

छह दिन पहले कोटा में पतंग लूटते समय हाइटेंशन लाइन से लटके चाइनीज मांझे को छूने से दो भाइयों के करंट लग गया था। हादसे में एक भाई की मौत हो गई और दूसरा गंभीर घायल हो गया। पिछले साल मध्य प्रदेश के धार शहर में मकर संक्रांति पर छह वर्षीय कनिष्क का चाइनीज मांझे से गला कटने से दर्दनाक मौत हो गई थी। ऐसे कई मामले हैं, जिनमें चाइनीज मांझे के कारण बच्चों के साथ बड़ों की जान पर बन आती है। प्रशासन चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध को लेकर आदेश तो जारी कर देता है, लेकिन धरातल पर कार्रवाई नहीं होने से बिक्री और उपयोग धड़ल्ले से होता है।
शासन सचिव पशुपालन ने कलक्टर्स को लिखा पत्र

पशुपालन, मत्स्य, डेयरी एवं गोपालन विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने समस्त जिला कलक्टर को पत्र लिखकर चाइनीज मांझे पर प्रतिबंधात्मक रोक लगाने की कार्रवाई करने के लिए कहा है। शर्मा ने पत्र में अनुरोध किया कि आगामी मकर संक्रांति के त्योहार को ध्यान में रखते हुए पतंग उड़ाने के दौरान उपयोग में लिए जाने वाले अत्यधिक धारदार, नायलॉन या किसी सिंथेटिक सामग्री से बने मांझों एवं उन पर लोहे अथवा कांच के पाउडर की प्लास्टिक कोटिंग से आमजन एवं पशु-पक्षियों को हानि पहुंचने व कई बार जनहानि होने की सम्भावना को दृष्टिगत रखते हुए पशु-पक्षियों व आम नागरिकों की जान-माल की सुरक्षा के लिए ऐसी सामग्री से निर्मित मांझों पर तत्काल प्रतिबन्धात्मक रोक लगाने की कार्रवाई किया जाना सुनिश्चित करें। शासन सचिव शर्मा ने यह भी बताया कि इस सम्बन्ध में राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी), ने निर्देश दिए है कि ‘पतंग उड़ाने के लिए नायलॉन या किसी सिंथेटिक सामग्री से बने या सिंथेटिक पदार्थ से लेपित और गैर-बायोडिग्रेडेबल मांझे या धागे पर पूर्ण प्रतिबंध होगा।’
बेचने वालों के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई

मकर संक्रांति के त्योहार के निकट आते ही चाइनीज मांझे की बिक्री तेजी से बढ़ गई है। प्रतिबंध के बावजूद दुकानदार इसे खुलेआम बेच रहे हैं, जिससे आमजन और पशु-पक्षी हादसे के शिकार होते हैं। इसको बेचने के लिए लाने वाले की गलती है। प्रशासन को इसकी जांच पड़ताल के लिए टीम गठित करनी चाहिए और बेचने वाले और खरीदने वाले दोनों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।
– अजीत ओझा, एडवोकेट

कार्रवाई करेंगे

जिले में धातु निर्मित मांझा (चाइनीज मांझा) की थोक व खुदरा बिक्री, भंडारण, परिवहन तथा उपयोग को लेकर पिछले दिनों आदेश जारी कर जिले में प्रतिबंधित कर दिया था। जब्ती की कार्रवाई तो अब तक नहीं हुई है, लेकिन यदि कहीं बिक रहा है तो कार्रवाई करवाएंगे।
– अरुण कुमार पुरोहित, जिला कलक्टर, नागौर

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