सूत्रों के अनुसार नागौर (डीडवाना-कुचामन) जिले में पिछले दो साल में 31 से अधिक पुलिसकर्मियों को पांच-पांच हजार रुपए के इनाम दिए गए हैं। इससे पहले सर्वाधिक इनाम ग्यारह सौ रुपए मिलता था। कभी-कभार इक्कीस सौ रुपए मिलने पर इसे बम्पर इनाम माना जाता था। करीब 25 बरस पहले यह राशि काफी कम थी। उस दौरान पुलिस की नौकरी में रहे कई अधिकारियों ने बताया कि 51 और 101 रुपए इनाम मिलता था, इसे कैश रिवॉर्ड कहा जाता है। इस रिवॉर्ड के साथ मिलने वाले प्रशंसा-पत्र का बड़ा महत्व होता था। कई बार बड़े आपराधिक मामलों में सफलता हासिल करने वाली टीम को इनाम देने का प्रपोजल ही अटक जाता था। उस समय पुलिसकर्मी प्रशंसा-पत्र पर ज्यादा फोकस करते थे। प्रमोशन में यह काम आते थे।
तब कम था बजट… सेवानिवृत्त अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरसीलाल मीणा ने बताया कि करीब तीस साल पहले कैश रिवॉर्ड का मामूली बजट था। एसपी अथवा अन्य अधिकारी अपने स्तर पर यह रिवॉर्ड दिया करते थे। अब बदमाशों पर इनाम का दायरा बढ़ा तो पुलिसकर्मियों का कैश रिवॉर्ड भी बढ़ा है। अब किसी आपराधिक मामले को खोलने पर एसपी अपने स्तर पर पुलिसकर्मी को अधिकतम 25 हजार का कैश रिवॉर्ड दे सकता है। आईजी पचास हजार तो एडीजी (क्राइम) दो लाख रुपए तक की मंजूरी दे सकता है।
मोस्ट वांटेड पर भी इनाम का दायरा बढ़ा सूत्रों के अनुसार सुपारी किलर संदीप उर्फ शेट्टी हत्याकाण्ड के बाद फरारी काट रहे हार्डकोर क्रिमनल पर भी इनाम बढ़ाया है। इससे पहले एसपी स्तर पर अधिकतम पांच हजार की राशि थी जो बढ़कर 25 हजार कर दी गई। अभी नागौर (डीडवाना-कुचामन) के करीब एक दर्जन बदमाश ऐसे हैं जिन पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित है। इससे अधिक राशि आईजी/एडीजी या फिर डीजी की अनुशंसा पर बढ़ती है।
अब सम्मानजनक इनाम अब बेहतर कार्य करने पर पुलिसकर्मियों का कैश रिवॉर्ड बढ़ाकर 25 हजार तक किया है। एसपी स्तर पर मोस्ट वांटेड पर भी इनामी राशि बढ़ी है। पहले की अपेक्षा मोटिवेट करने के लिए पुलिसकर्मियों को गैलेन्ट्री अवॉर्ड भी दिए जाते हैं। थांवला के मासूम बालिका से बलात्कार व हत्याकाण्ड समेत कुछ अन्य मामलों में भी गैलेन्ट्री अवॉर्ड के लिए मुख्यालय को लिख रहे हैं।
–नारायण टोगस, एसपी नागौर।