स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को प्रतिदिन बिजली खपत की जानकारी उनके खुद के मोबाइल पर मिल जाएगी। यही नहीं, अब मीटर रीडिंग के लिए डिस्कॉम की ओर से कोई नहीं आएगा। इलेक्ट्रानिक डिवाइस पर हुई रीडिंग को आधार बनाकर बिजली का बिल दिया जाएगा। मीटर में बीएसएनएल की सिम लगी रहेगी। मीटर से छेड़छाड़ की कोशिश होने पर भी यह सूचना निकटवर्ती विद्युत केन्द्र सहित जिला स्तरीय कार्यालय में पहुंच जाएगी। उपभोक्ताओं को यह सुविधा रहेगी कि वह घर में जलती लाइट छोडकऱ गए हैं तो मोबाइल के माध्यम से सबस्टेशन से संपर्क कर बिजली की आपूर्ति बंद कराई जा सकती है।
मीटर से संबंधित किसी भी प्रकार की शिकायत उपभोक्ता डिस्कॉम में कर सकता है। हालांकि संबंधित कंपनी के प्रतिनिधि भी नागौर बैठेंगे, लेकिन उपभोक्ताओं की मीटर संबंधी शिकायतें डिस्कॉम के माध्यम से ही इनके पास जाएगी। मीटर की करीब दस साल तक गारंटी रहेगी। अधिकारियों का कहना है कि एक बार पूरे जिले में स्मार्ट मीटर लगने का काम पूरा होने के बाद फिर कागजों का बिल आना भी बंद हो जाएगा।
नागौर शहर में अब तक तीन हजार से ज्यादा स्मार्ट मीटर लग चुके हंै। इसे लगाने के लिए संबंधित कंपनी की ओर से कुल 21 टीमें लगी हुई हैं। शेष उपभोक्ताओं के यहां भी चार से पांच माह में स्मार्ट मीटर लग जाएंगे।