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नागौर

वसूली की धीमी रफ्तार: पानी के बकायादारों से वसूली में लग जाएंगे डेढ़ साल

वसूली की रफ्तार यही रही तो नागौर शहर के बकायादारों से पानी की बकाया राशि वसूलने में कम से कम डेढ़ साल तो लग ही जाएगा।

नागौरOct 21, 2024 / 09:14 pm

Sandeep Pandey

16 दिन में बीस लाख वसूली

बकाया चार करोड़ 79 लाख

ग्राउण्ड रिपोर्ट

नागौर. वसूली की रफ्तार यही रही तो नागौर शहर के बकायादारों से पानी की बकाया राशि वसूलने में कम से कम डेढ़ साल तो लग ही जाएगा। जबकि अवैध कनेक्शन हटाने के साथ राजस्व वसूली के काम में रुचि नहीं लेने पर कारण कर्मचारियों को बताओ नोटिस तक जारी हो चुका है। करीब सोलह दिन यानी पांच अक्टूबर को चालू हुए अभियान की कलई धीरे-धीरे खुल रही है।
सूत्रों के अनुसार नागौर शहर में पानी के बकायादारों की लम्बी सूची है। इन पर करीब चार करोड़ 79 लाख की राशि बकाया है। एक से पांच लाख तक का बकाया वसूलने की जिम्मेदारी सहायक अभियंता को दी गई, जबकि पांच लाख से अधिक का जिम्मा अधिशासी अभियंता का है। हकीकत यह है कि पांच अक्टूबर से शुरू हुए महाअभियान में वसूली अभी बीस लाख भी नहीं हुई है। यानी औसत सवा लाख। अब ऐसे में चार करोड़ 79 लाख यानी 479 लाख की वसूली तो इसी रफ्तार के हिसाब से डेढ़ साल तो लगना है।बताया जाता है कि अभी तक अधिकांश बकायादारों तक जलदाय विभाग का बकाया नोटिस तक ही नहीं पहुंचा। आदेश में तो यह भी कहा गया था कि कारण बताओ नोटिस जारी कर बकाया राशि जमा नहीं कराई जाती तो जल कनेक्शन काट दिया जाए। हालांकि ऐसा हो नहीं रहा। इसे लेकर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (नागौर) के अधीक्षण अभियंता श्योजीराम ने अधिशासी अभियंता को चार दिन पूर्व ही कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसमें अवैध कनेक्शन हटाने के साथ उन्हें नियमित करने व वसूली पर धीमी गति पर उच्च अधिकारियों की नाराजगी का जिक्र करते हुए उनके निर्देशों की अवहेलना का उल्लेख किया था।
सूत्र बताते हैं कि पहले तो अवैध जल कनेक्शनों की भरमार से ठीक ढंग से विभाग पार नहीं पा रहा था, उस पर वसूली ने इसकी सारी पोल ही खोल दी। आधे से अधिक बकायादारों तक तो कारण बताओ/बकाया जमाओ के नोटिस तक नहीं पहुंचे। और तो और जिनके पहुंचे और उन्होंने जमा नहीं कराया तो भी उनके जल कनेक्शन अभी तक बरकरार है। यही नहीं इसमें भी गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है, कुछ बकायादारों को विशेष राहत देते हुए ना तो नोटिस दिए ना ही कार्रवाई की जा रही। यही नहीं राजनीतिक रसूख भी इसमें दखल करने लगा है।
पांच टीम का दावा

उधर, अवैध जल कनेक्शनों को काटने के लिए पांच टीम शहर में काम करने का दावा किया जा रहा है। वैसे अवैध जल कनेक्शनों का भी यही हाल है, यह रफ्तार तीन दिन पहले तक रोजाना पंद्रह की भी नहीं थी। नोटिस के बाद बढ़ी और अब यहां के जिम्मेदार अधिकारी इसका औसत सत्तर तक मान रहे हैं। इसे भी अपने हिसाब से देखें तो करीब आठ-दस हजार कनेक्शन काटने में छह महीने तो लगेंगे ही। इस संबंध में राजस्थान पत्रिका ने ‘ अवैध जल कनेक्शन काटने का अभियान टांय-टांय फिस्स, धीमी गति पर नोटिस Ó शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था तब जाकर जिम्मेदार नींद से जागे थे।
इनका कहना…

नागौर शहर के लोगों पर पानी का करीब चार करोड़ 79 लाख रुपए बकाया है, अभी तीन दिन पहले तक चौदह-पंद्रह लाख वसूले गए। औसतन अब तक बीस लाख रुपए वसूल लिए। अवैध जल कनेक्शन काटने की रफ्तार बढ़ी है। इसके लिए शहर में पांच टीमें कार्य कर रही है।
-रमेश चौधरी, अधिशासी अभियंता नागौर

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