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नागौर

अवैध हथियारों के तस्करों की सैरगाह बना नागौर, वारदातों में यही इस्तेमाल

लाइसेंस चार हजार पर अवैध हथियार बेशुमार, मुख्य सप्लायर तक नहीं पहुंच पाती पुलिस, अधिकांश वारदात इन्हीं से होती है
 

नागौरJul 07, 2021 / 12:08 pm

Rudresh Sharma

Only two arms can be kept on one license

Only two arms can be kept on one license

नागौर. हथियार का लाइसेंस चाहने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। हर किसी को जान का खतरा है और उसे आत्मरक्षा के लिए पिस्टल या बंदूक चाहिए। या यूं कहें कि हथियार रखना स्टेटस सिम्बल बन रहा है।
आलम यह है कि जिले में लाइसेंस तो चार हजार ही हैं पर अवैध हथियार बेशुमार। गत शुक्रवार को पकड़े पांच बदमाशों से दो अवैध देसी पिस्टल फिर इनके मास्टर माइण्ड से एक अवैध देसी पिस्टल बरामद हुई है। यानी नागौर अवैध हथियारों का कारोबार करने वालों की सैरगाह बनता जा रहा है। यदा-कदा अवैध हथियार पकडक़र खुद की पीठ थपथपाने वाली पुलिस इनके सप्लायर तक नहीं पहुंच पाती। नतीजतन मामले में एफआर लग जाती है।

सूत्रों के अनुसार दो दिन पहले जोधपुर रोड पर होटल के बाहर हवाई फायरिंग का मामला हो या कुचामन के लिचाणा और दधवाड़ा में युवकों के गोली मारकर आत्महत्या की बात। कुछ महीने पहले गोटन थाना इलाके में लेडी डान के गुर्गे पकड़े गए, हथियार बरामद हुए तो डीडवाना, मकराना समेत अन्य कस्बों में भी अवैध हथियार का कारोबार फल-फूल रहा है। लाडनूं में तीन-चार महीने पहले हथियार बनाने का कारखाना तक पकड़ा गया। पिछले पांच साल में पुलिस की पकड़ धीमी रही, जबकि लूटपाट-हत्या में यही अवैध हथियार शातिरों के काम आए। अवैध हथियारों की घुसपैठ को पुलिस रोक नहीं पा रही।
कुछ समय पहले ही कुचामनसिटी की कृषि मंडी के पीछे शनि मंदिर के पास मोटरसाइकिल पर सवार तीन बदमाशों ने सट्टा कारोबारी के घर पर अंधाधुंध फ ायरिंग की और भाग छूटे। तकरीबन एक साल पहले डीडवाना में एक होटल में फायरिंग कर वहां के कर्मचारी को घायल कर दिया। जोधपुर रोड पर करीब तीन महीने पहले होटल मालिक के पुत्र ने कर्मचारी पर गोली चला दी, जिससे उसकी मौत हो गई। वो अवैध पिस्टल भी मात्र दस हजार में खरीदी गई थी।

सूत्र बताते हैं कि बीकानेर में पकड़े एक बदमाश के साथ नागौर के दो हिस्ट्रीशीटर भी अवैध हथियार खरीदने के आरोप में पकड़े गए थे। और तो और बाहरी राज्यों से भी पिस्टल लेने वाले कुछ पुलिस के हत्थे आए। बावजूद इसके मुख्य सप्लायर तक पहुंच पाने में पुलिस विफल ही रही। देसी-विदेसी पिस्टल रखने का शौक बढ़ता जा रहा है। फेसबुक-सोशल साइट पर भी कुछ इसी तरह के हथियार लहराते हुए दिखे और हल्ला होते ही पोस्ट डिलीट करने के मामले सामने आए।
यहां से होती है सप्लाई
सूत्रों का कहना है कि अब तब अवैध हथियारों के साथ गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में हरियाणा, पंजाब, यूपी और मध्यप्रदेश से इनकी सप्लाई होने की बात सामने आई। पुलिस ने टीमें इधर-उधर भेजी भी, पर खाली हाथ ही लौटी। कुछ स्थानीय बदमाश भी अवैध हथियार सप्लाई में सक्रिय हैं। ये कमीशन पर हथियार बेचते हैं। पिछले दिनों होटल मालिक के पुत्र ने अवैध पिस्टल से फायरिंग कर कर्मचारी को मार दिया। यह पिस्टल पंजाब से कोई दस हजार रुपए में बेच गया था।
इनका कहना
हथियार लाइसेंस के नियम कड़े होते हैं। यह भी सामने आया कि इसके नियम की पालना में कुछ लापरवाही बरतते हैं। लाइसेंस देने से पहले जांच की लंबी प्रक्रिया होती है। अवैध हथियार मिलने पर कानूनी कार्रवाई के लिए अनुमति देते हैं। बिना लाइसेंस के खाली कारतूस रखना भी अपराध है।
डॉ जितेंद्र सोनी, कलक्टर नागौर

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