फसल बीमा की अधिसूचना के अनुसार प्रीमियम जमा कराने से लेकर बीमा कम्पनी की ओर से पॉलिसी का अनुमोदन करने तथा उसके बाद किसानों को अनुमोदित पॉलिसियों का वितरण करने का समय तय है। किसान यदि निर्धारित समय सीमा के बाद प्रीमियम जमा करवाना चाहे तो नहीं करवा सकता और न ही वित्तीय संस्थानों को कम्पनी के खाते में प्रीमियम राशि जमा कराने में छूट है, लेकिन बीमा कम्पनी पॉलिसी का अनुमोदन करने में दो से तीन महीने देरी भी कर देती है। अधिसूचना के अनुसार रबी की पॉलिसी अनुमोदन की अंतिम तिथि 31 जनवरी तय थी, लेकिन कम्पनी ने नहीं की। सूत्रों से तो यह भी जानकारी मिली है कि 10 हैक्टेयर से अधिक वाले बीमा धारक किसानों की पॉलिसी अब तक अनुमोदित नहीं की है, उल्टा विभागीय अधिकारियों से एक पत्र जारी करवा लिया, जिसमें जांच करके अनुमोदित करने का हवाला दिया गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीमा कम्पनी प्रीमियम लेने के बाद पॉलिसी अनुमोदन में जानबूझकर देरी करती है, यदि किसान की फसल खराब हो जाती है तो उसकी पॉलिसी को कोई न कोई कमी निकालकर रिजेक्ट कर दिया जाता है और यदि फसल खराबा नहीं होता है तो उसे अनुमोदित कर दिया जाता है, ताकि प्रीमियम की राशि डकार सके। गौरतलब है कि खरीफ 2022 में भी इस प्रकार का इश्यू सामने आया था।
अधिसूचना के अनुसार बीमा कम्पनी को अनुमोदन के बाद पॉलिसी का वितरण कृषक को करना होता है, लेकिन कम्पनी 10 फीसदी किसानों को भी पॉलिसी का वितरण नहीं करती। यदि किसान मांगने भी जाते हैं तो उन्हें टरका दिया जाता है। गौरतलब है कि किसी व्यक्ति की ओर से खुद का या वाहन का बीमा कराने पर पॉलिसी डाक से उसके घर भेजी जाती है, लेकिन फसल बीमा योजना में कम्पनियों की मनमानी इतनी है कि किसानों को मांगने पर भी पॉलिसी नहीं दी जाती, ताकि वे कम्पनी के खिलाफ न्यायालय में नहीं जा सके।
फसल बीमा योजना की अधिसूचना भले ही कृषि विभाग की ओर से जारी की जाती है, लेकिन बीमा कम्पनी के अधिकारी जिला स्तर पर कृषि विभाग के अधिकारियों को पूरी जानकारी ही नहीं देते हैं। नागौर के संयुक्त निदेशक शंकरराम बेड़ा ने बताया कि फसल बीमा से संबंधित जानकारी या तो कम्पनी के प्रतिनिधि दे सकते हैं या फिर जयपुर में बैठे विभाग के अधिकारी। जयपुर में सरकार की ओर से बैठाए गए संयुक्त निदेशक (बीमा) मुकेश माथुर फोन ही नहीं उठाते। ऐसे में किसान जानकारी लेना चाहे तो किससे ले, यह यक्ष प्रश्न है।
रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कम्पनी के स्टेट हैड इमरान से पत्रिका ने बात की तो उन्होंने कहा कि पॉलिसियों का अनुमोदन निर्धारित समय पर कर दिया। जब उनसे पूछा कि निर्धारित समय क्या है तो बोले – मीडिया को ज्यादा जानकारी देने के लिए मैं अधिकृत नहीं हूं। इधर, जिला मुख्यालय पर भी फसल बीमा से संबंधित जानकारी देने वाला कोई नहीं है। जबकि नियमानुसार जिला स्तर पर कम्पनी का कार्यालय होना चाहिए।