फाउण्डेशन की प्रदेश संयोजक सुमन शर्मा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि यह संगठन नहीं आंदोलन है, जिसका उद्देश्य देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करवाना है। शर्मा ने प्रदेश भर से आई महिलाओं से आह्वान करते हुए कहा कि हमें जागना होगा, हमें दूसरों को जगाना होगा। हमें अपने बच्चों को नाली के कीड़े नहीं बनाना है, कच्ची बस्तियों में जाकर लोगों को समझाएं। शर्मा ने कहा कि नागौर की धरती मीरा की भक्ति की धरती है। इस भक्ति की धरती से पूरे देश में जनसंख्या के लिए समान नीति व कानून बने, ऐसी मांग प्रारंभिक स्तर से आनी आवश्यक है। हमें विश्वास है कि नागौर की धरती से बोया गया बीज वटवृक्ष की तरह पूरे भारत में फैलेगा। उन्होंने कहा कि सीता और सलमा के लिए संपूर्ण भारत में समानता व कानूनी सहायता का व्यवहार हो, यही हमारी मांग है।
फाउण्डेशन के प्रदेशाध्यक्ष नारायण राम चौधरी ने कहा कि देश की स्वतंत्रता व अखंडता को बनाए रखना है तो जनसंख्या पर नियंत्रण करना होगा। उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें देश को विखंडित करने कोशिश में है। कार्यक्रम को राष्ट्रीय संरक्षक महिला ममता सहगल, प्रदेश महासचिव कुलभूषण बैराठी, डॉ. प्रियंका चौधरी सहित महिला विंग की प्रदेशाध्यक्ष सरोज प्रजापत ने संबोधित करते हुए आगामी दिनों में इस आंदोलन को और तेज करने का आह्वान किया। फाउण्डेशन के नागौर जिलाध्यक्ष भोजराज सारस्वत ने जनसंख्या समाधान अनिनियम बनवाने के लिए चलाए जा रहे आंदोलन के 10 प्रस्तावों का वाचन कर बैठक में प्रस्ताव पास करवाया। मचं संचालन राजेन्द्र प्रजापत ने किया।
बैठक में नागौर से सुधा अग्रवाल, शोभा सारड़ा, बसंती राठी, नृत्यगोपाल मित्तल, हरिराम धारणिया, रामेश्वर सारस्वत, पुखराज सांखला, उम्मेदराज शर्मा, मंजू सारस्वत, तपस्या ओझा, रश्मि, मेघराज राव, रमेश वर्मा, रामप्रसाद सहित अनेक नागरिक उपस्थित रहे।