जज्बा: खनन माफिया से लड़ी और 144 बीघा बंजर जमीन पर उगा दिए हजारों पौधे, शानदार है राजस्थान के इस पंचायत की सरपंच सविता राठी की कहानी
कोर्ट ने सुनाए अपने फैसले में वर्ष 2015 में हुए ग्राम पंचायत बीजाथल के सरपंच पद के लिए राधा देवी ने 8वीं पास होने की टीसी प्रस्तुत कर चुनाव लड़ा। जिसकी शिकायत होने पर मामला दर्ज करवाया गया। पुलिस अनुसंधान में टीसी फर्जी होना पाया गया। न्यायालय में पिछले 9 वर्षों से चल रहे प्रकरण की गहनता से सुनवाई करने के बाद न्यायाधीश ने बीजाथल पूर्व सरपंच राधा देवी को 5 वर्ष का कठोर कारावास व तीन हजार रुपए अर्थदंड के जुर्माने से दंडित किया। उल्लेखनीय है इस तरह पूर्व में फर्जी शैक्षणिक दस्तावेज पेश कर चुनाव लड़ने के मामले में गुंदीसर सरपंच मैना चौधरी व मोगास सरपंच सुरेंद्र कंवर के मामले में भी न्यायालय की ओर से सजा सुनाई गई थी।राजस्थान में अभी नहीं होंगे सरपंच चुनाव! 6759 ग्राम पंचायतों में लगाए जाएंगे प्रशासक, जानें कारण
एक माह में दोनों सरपंचों के निलम्बन पर स्टे
वहीं खींवसर में सार्वजनिक टांका निर्माण को लेकर सरकारी राशि का दुरूपयोग करने के दोषी माने गए ढींगसरा सरपंच दुर्गाराम सारण के निलम्बन पर राजस्थान उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है। मामले में अगली सुनवाई 4 फरवरी को होगी। सरपंच सारण की ओर से उच्च न्यायालय में लगाई गई याचिका पर अधिवक्ता मनीष पटेल ने पैरवी की। सरपंच ने याचिका में बताया कि एक निविदा पर सार्वजनिक टांका निर्माण की स्वीकृति जिला परिषद की ओर से जारी की गई थी। उसकी पालना में टांका निर्माण कार्य होना था। आरोप है कि एक फर्म की ओर से टांका नहीं बनने के बाद भी भुगतान उठा लिया गया। हालांकि वो भुगतान वापस ग्राम पंचायत में जमा करवा दिया गया, लेकिन इसमें कुछ देरी जरूर हुई। इस मामले में राहत देते हुए उच्च न्यायालय ने सारण के निलम्बन पर रोक लगाई है।