Nagaur patrika…राज्य के सर्वाधिक जीर्ण-शीर्ण औषधालयों के लिए 300 लाख का बजट जारी
-आयुर्वेदिक विभाग की ओर से कुल 10 औषधालयों के नवीन निर्माण के लिए प्रशासनिक-वित्तीय स्वीकृति जारी-जिलों से और भी मांगे गए प्रस्ताव-राजस्थान पत्रिका की खबर का असरनागौर. आयुर्वेदिक औषधालयों के लिए खुशखबरी है। प्रदेश में जीर्ण-शीर्ण आयुर्वेदिक औषधालयों के नए सिरे से निर्माण के लिए विभाग की ओर से कुल 300 लाख रुपए की प्रशासनिक […]
-आयुर्वेदिक विभाग की ओर से कुल 10 औषधालयों के नवीन निर्माण के लिए प्रशासनिक-वित्तीय स्वीकृति जारी
-जिलों से और भी मांगे गए प्रस्ताव
-राजस्थान पत्रिका की खबर का असर
नागौर. आयुर्वेदिक औषधालयों के लिए खुशखबरी है। प्रदेश में जीर्ण-शीर्ण आयुर्वेदिक औषधालयों के नए सिरे से निर्माण के लिए विभाग की ओर से कुल 300 लाख रुपए की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है। यह स्वीकृति शासन उपसचिव सावन कुमार चायल की ओर से गुरुवार को जारी की गई। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका की ओर से प्रदेश के आयुर्वेदिक औषधालयों की जर्जर स्थिति को लेकर गत 20 सितंबर को जमींदोज न हो जाए आयुर्वेदिक चिकित्सालय शीर्षक से प्रकाशित खबर में उठाया गया था। आयुर्वेदिक निदेशालय के निदेशक डॉ. आनन्द कुमार शर्मा ने बताया कि प्रदेश फिलहाल प्रदेश के 10 जर्जर औषधालयों के लिए बजट जारी किया गया। प्रत्येक औषधालयों के लिए 30-30 लाख रुपए की स्वीकृति जारी की गई है। इनमें से नागौर के तीन, बांसवाड़ा के दो, डूंगरपुर के दो जयपुर, जोधपुर एवं कोटा के एक-एक आयुर्वेदिक औषधालय शामिल हैं।
इन केन्द्रों के लिए मिले हैं तीस-तीस लाख
आयुर्वेदिक निदेशालय की ओर से जारी बजट सूची में नागौर के राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय खुनखुना, राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय पालड़ीकला, राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय टेहला है। इसी तरह से बांसवाड़ा के दो राजकीय आयुर्वेदिक औषधालयों में सज्जनगढ़ व करजी है। जबकि डूंगरपुर के राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय कुआं, राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय भीलुडा शामिल है। राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय जयपुर बी आसलपुर, राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय कोटा का बोरदा और राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय जोधपुर का बुचकला भी शामिल है।
प्रस्ताव मांगे, फिर स्क्रीनिंग के बाद मिला बजट
आयुर्वेदिक निदेशालय के अनुसार जिलों से जीर्ण-शीर्ण औषधालयों के लिए सरकारी स्तर पर सत्यापन कराए जाने के साथ तकमीना बनाकर मांगा गया था। इसमें कई जिलों से प्रस्ताव आए थे। इनकी स्क्रीनिंग कराए जाने के बाद विभाग ने सर्वाधिक आवश्यकता वाले क्षेत्रों के औषधालयों के लिए बजट जारी किया गया है। इसके साथ ही जिलों के आयुर्वेदिक प्रभारी अधिकारियों से यह भी कहा गया है कि वह अपने-अपने जिलों के प्रस्ताव बनाकर भेज सकते हैं। इस पर विभाग की ओर से यथोचित कदम उठाए जाएंगे।
इनका कहना है…
प्रदेश के 10 सर्वाधिक जीर्ण-शीर्ण औषधालयों के नवीन निर्माण के लिए 30-30 लाख की बजट स्वीकृति जारी की गई है। कुल 300 लाख की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है। जिलों से और भी प्रस्ताव आए तो इस पर यथोचित कदम उठाया जाएगा।
डॉ. आनन्द शर्मा, निदेशक, आयुर्वेदिक निदेशालय अजमेर
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