बता दें, विधानसभा में शपथ लेने के बाद रेवंतराम डांगा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि किले, गढ़ या साम्राज्य किसी के नहीं होते। जब जनता तय करती है, तब सब कुछ ढह जाता है।
बेनीवाल पर साधा निशाना
राजस्थान पत्रिका के सवाल के जवाब में रेवंतराम डांगा ने कहा कि गढ़ किसी का नहीं होता, गढ़ जनता का होता है। जनता जिसको चाहती है उसको विधानसभा भेजती है। वहीं हनुमान बेनीवाल के लिए कहा कि वो तो खुद कई बार बीजेपी के सहारे विधानसभा पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि हनुमान बेनीवाल के साथ जनता ने यही किया है। हार के बाद हनुमान बेनीवाल अब कुछ भी बयान दे सकते हैं, लेकिन जनता ने एक आम आदमी किसान पुत्र को सदन में भेजा है। उन्होंने कहा कि में किसान पुत्र हूं और ट्रैक्टर किसान की शान है। अबके खींवसर की जनता ने सरकार के साथ रहने का मन बना लिया और परिणाम सामने आ गया। खींवसर का रुका हुआ विकास भाजपा राज में आगे बढ़ेगा।
मंत्री बनने के सवाल पर दिया ये जवाब
भजनलाल सरकार में मंत्री बनने के सवाल पर रेवंतराम डांगा ने जवाब दिया कि मेरी ऐसी को लालसा नहीं है, मुख्यमंत्री जो निर्णय लेंगे वो सर्वोपरी रहेगा। मुझे तो जनता ने सेवक बनाकर भेजा है, मैं तो जनता की सेवा करता रहूंगा। डांगा ने कहा कि पार्टी के दिशा-निर्देशों की पालना करता रहूंगा। डांगा ने कहा कि हमारा फोकस जनता के कामकाज पर रहेगा।
सातों विधायकों ने ली शपथ
गौरतलब है कि मंगलवार को बीजेपी विधायक रेवंतराम डांगा, झुंझुनूं से अमित ओला को हराकर विधायक बने राजेंद्र भांबू, सलूंबर विधायक शांता देवी मीणा, चौरासी से बीजेपी के कारीलाल ननोमा को हराकर आए अनिल कटारा, दौसा से डीसी बैरवा, देवली-उनियारा से राजेन्द्र गुर्जर और रामगढ़ विधायक सुखवंत सिंह ने शपथ ली। BAP तीसरी सबसे बड़ा पार्टी
उल्लेखनीय है कि विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से बीजेपी और कांग्रेस के बाद बाप सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। बाप के 4 विधायक हो गए हैं। उपचुनाव के बाद बीजेपी के 119 विधायक, कांग्रेस के 66, बाप के 4, बसपा के 2, आरएलडी का 1 और 8 निर्दलीय विधायक हैं। आदिवासी बाहुल्य 3 जिलों से बाप के 4 विधायक हैं। डूंगरपुर जिले की आसपुर और वौरासी, बांसवाड़ा की बागीदौरा और प्रतापगढ़ जिले की धरियावद सीट से बाप के विधायक हैं।