संगठन की ओर से जारी एक बयान में मदनी ने संघर्ष रोकने के लिए वैश्विक शक्तियों, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और विश्व मुस्लिम लीग से भी तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की। मदनी ने कहा कि जमीयत फिलिस्तीनी लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है। जिन्होंने 75 वर्षों तक इजरायली उत्पीड़न और हिंसा को सहन किया है, जिसके परिणामस्वरूप गंभीर परिणाम हुए हैं।
75 सालों से हैं त्रस्त मदनी ने कहा, ‘‘भारत के लोग फलस्तीनियों के साथ हैं, जो पिछले 75 वर्षों से इजरायल के दमनकारी कब्ज़े और हिंसा से त्रस्त हैं, जिसके कारण वे आज अपनी ही मातृभूमि में कैदियों की तरह रह रहे हैं। उन्होंने फलस्तीन में जारी “खूनी संघर्ष” और आवासीय क्षेत्रों पर भारी बमबारी की भी निंदा की और दावा किया।
ज़रायल और फलस्तीन के बीच बड़े पैमाने पर भड़की शत्रुता
उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्रियों- जवाहरलाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी ने हमेशा फलस्तीन का समर्थन किया था। वहीं, अन्य मुस्लिम संगठन जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सदातुल्लाह हुसैनी ने कहा, ‘हम इज़रायल और फलस्तीन के बीच हाल ही में बड़े पैमाने पर भड़की शत्रुता से बहुत चिंतित हैं।