दरअसल साल 2012 और 2022 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान राजपाल बालियान पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले दर्ज हुए थे। जिनमें एक मामले में वह पहले ही कोर्ट से जमानत करा चुके थे मगर उसके बाद जानकारी ना होने के कारण कोर्ट में नहीं गए। जिस वजह से कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था ।
वहीं 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में थाना फुगाना क्षेत्र में अत्यधिक भीड़ जुटाने के चलते उन पर धारा 269, 270, 171, 127 लोक प्रतिनिधि अधिनियम और महामारी अधिनियम व 51 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसमें 11 लोग शामिल थे । कोर्ट ने उसमें भी इनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए थे।
इसी के चलते शुक्रवार को राष्ट्रीय लोक दल विधायक और नेता विधानमंडल दल राजपाल बालियान के खिलाफ कोर्ट के गैर जमानती वारंट को रीकॉल कराने के लिए कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें पहले हिरासत में लेने का आदेश कर दिया और फिर दोनों मामलों में 20 – 20 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है।
इस दौरान विधायक राजपाल सिंह बालियान ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। एडवोकेट ओमकार तोमर ने बताया कि आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के एक मामले में कोर्ट में पेश न होने पर विधायक के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी हुए थे। उन्होंने बताया कि 2012 के उक्त मामले में भी विधायक ने कोर्ट में सरेंडर कर वारंट रिकाल कराए थे एक मामला 2022 के विधानसभा चुनाव का है जिसमें भीड़ जुटाने को लेकर उनके खिलाफ धारा 269, 270, 171, 127 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम और महामारी अधिनियम सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था जिसमें आज उन्होंने वारंट रीकॉल कराए है।