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मुजफ्फरनगर

JEE : बेटे का IIT में नंबर आया पर गरीब पिता पर नहीं थे फीस के 17 हजार, नहीं मिला एडमिशन

JEE जब तक पिता पैसे लेकर आया तब तक बंद हो गया पोर्टल

मुजफ्फरनगरSep 26, 2024 / 11:27 pm

Shivmani Tyagi

JEE Advanced
( JEE ) यूपी के मुजफ्फरनगर में गरीबी और मजबूरी का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां मजदूर के बेटे ने जेई अडवांस ( JEE ) की परीक्षा पास करके आईआईटी ( IIT ) में सीट तो पक्की कर ली लेकिन गरीब पिता फीस के 17 हजार 500 रुपये नहीं जुटा पाया। इससे छात्र का एडमिशन रुक गया। अब इस गरीब छात्र ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है।

चार दिन में करना था 17 हजार रुपये का इंतजाम ( JEE )

मुजफ्फरनगर के रहने वाले राजेंद्र दिहाड़ी करके अपना घर चलाते हैं। इनके बेटे अतुल ने खूब मेहनत करके JEE अडवांस का एंट्रेस पास करके IIT धनाबाद में सीट पा ली लेकिन इस एडमिशन के लिए 17 हजार 500 रुपये फीस जमा करने थी। अंतिम तारीख तक भी यह परिवार फीस जमा नहीं करवा पाया। फीस जमा करने की अंतिम तारीख खत्म होने के बाद संस्थान ने फीस लेने से इंकार कर दिया। इसके बाद इस परिवार ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का दरवाजा खटखटाया। जब यहां से भी कोई रास्ता नहीं मिला तो अब इस परिवार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

कोर्ट ने पूछा अब तक कहां थे आप ( IIT )

फीस जमा करने की अंतिम तारीख 24 जून थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जब यह केस अदालत के सामने आया तो अदालत ने छात्र के वकील से सवाल किया कि तीन महीने तक आप कहां थे ? इस पर छात्र के वकील ने परिवार की आर्थिक स्थिति के बारे में बताया। छात्र ने बताया कि सीट मिलने के बाद उसे महज चार दिन का समय मिला था। चार दिन के भीतर 17 हजार 500 रुपये फीस जमा करनी थी। परिवार इस रकम को चार दिन में जुटा पाया। छात्र ने बताया कि पिता पैसों का इंतजाम कर रहे थे। मैने अपने सारे डॉक्यूमेंट वेबसाइट पर अपलोड कर दिए थे लेकिन इसी दौरान पांच बज गए। पैसों का इंतजाम हो गया लेकिन तब तक पांच बज जाने की वजह से पोर्टल बंद हो गया और फीस जमा नहीं हो सकी।

सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब ( Court )

मुजफ्फरनगर के छात्र अतुल का यह मामला मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष रखा गया। छात्र अतुल के वकील ने कोर्ट को सारी बातें बताते हुए गुहार दाखिला दिलाए जाने की गुहार लगाई। कहा कि यदि दाखिला नहीं मिला तो छात्र जीवन में अब आगे कभी भी इस प्रतिष्ठित एग्जाम के लिए दोबारा प्रयास नहीं कर पाएगा। शीर्ष अदालत की पीठ ने जॉइंट सीट अलोकेशन अथॉरिटी IIT एडमिशन और IIT मद्रास से इस मामले में अब पूरी जानकारी मांगी है।

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