पहले दिन एक भी विकेट नहीं चटकाने के बाद शमी ने दूसरे दिन जोरदार वापसी की। उन्होंने शुरुआत में ही मध्य प्रदेश के कप्तान शुभम शर्मा को महज आठ रन पर आउट कर दिया। शमी की पार्टनरशिप तोड़ने और लोअर ऑर्डर को ध्वस्त करने की क्षमता पूरी तरह से देखने को मिली। एक खतरनाक स्पैल में उन्होंने सारांश जैन को बोल्ड किया और इसके बाद कुमार कार्तिकेय और कुलवंत खेजरोलिया को भी पवेलियन का रास्ता दिखाया जिससे मेजबान टीम लड़खड़ा गई।
अनुभवी तेज गेंदबाज के प्रदर्शन ने बंगाल को पहली पारी के बाद 61 रनों की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल करने में मदद की, जिससे उनके अभियान की शुरुआत हुई। पूरी तरह अपनी लय में नहीं होने के बावजूद, शमी ने लगातार मध्य प्रदेश के बल्लेबाजों को परेशान किया। शमी इस रणजी ट्रॉफी मैच में पांच साल के अंतराल के बाद खेल रहे हैं। बंगाल के लिए उनका आखिरी मैच नवंबर 2018 में केरल के खिलाफ एकमात्र मुकाबला था, जो भारत की ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक 2-1 टेस्ट सीरीज जीत से ठीक पहले था।
उस बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के दौरान शमी ने 16 विकेट चटकाकर अहम योगदान दिया था। शमी अपनी फिटनेस को फिर से हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसे में उनका रणजी में अच्छा प्रदर्शन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 22 नवंबर से पर्थ में शुरू होने वाली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज के लिए भारतीय टीम में वापसी का रास्ता साफ कर सकता है।