ईडी ने बैंक खातों के दुरुपयोग से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में मालेगांव के एक व्यापारी से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की। व्यापारी पर 100 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन के लिए विभिन्न लोगों के बैंक खातों का दुरुपयोग करने का आरोप है।
दो राज्यों में 23 ठिकानों पर छापेमारी
आरोप है कि फर्जी दस्तावेजों और फेक केवाईसी के जरिये बड़े पैमाने पर बैंक खाते खोले गए थे, जिससे करोड़ों रुपये का लेनदेन किया गया। जांच एजेंसी को शक है कि इस पैसे का इस्तेमाल गरीबों को पैसे देकर उनके वोट खरीदने के लिए किया जाना था।
ईडी ने आज पीएमएलए के प्रावधानों के तहत महाराष्ट्र के मालेगांव, नासिक और मुंबई और गुजरात के अहमदाबाद और सूरत में 23 ठिकानों पर छापेमारी की। महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीट के लिए 20 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होगा।
क्या है पूरा मामला? कथित मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला पिछले सप्ताह तब सामने आया जब मालेगांव पुलिस ने सिराज अहमद हारुन मेमन नाम के स्थानीय व्यापारी के खिलाफ केस दर्ज किया। आरोपी व्यापारी कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर चाय और कोल्ड ड्रिंक्स की एजेंसी चलाता है। सिराज अहमद अभी फरार है।
ईडी को 100 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन की जानकारी मिली है। इसमें कुछ हवाला ऑपरेटरों के शामिल होने के भी सबूत मिले हैं। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के लिए किए गए 2,500 से अधिक लेन-देन और लगभग 170 बैंक शाखाएं ईडी की रडार पर हैं। इन खातों से या तो पैसे जमा किए गए या फिर निकाले गए है।
बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने कुछ दिन पहले मालेगांव के इस मामले को ‘वोट जिहाद घोटाला’ बताते हुए कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने दावा किया कि एक महीने में देशभर के 200 बैंक अकाउंटों से 2500 ट्रांजेक्शन कर पैसों के लेनदेन हुआ है। पूर्व बीजेपी सांसद सोमैया ने आरोप लगाया कि मालेगांव का रहने वाला सिराज अहमद और मोइन खान ने गरीब लोगों के बैंक अकाउंट खुलवाकर उनमें चार दिन में 125 करोड़ रुपये जमा करवाये। बाद में 37 खातों में भेजे गए।