दरअसल इस छापेमारी के पीछे खालिस्तान कनेक्शन की बात सामने आ रही थी। सूत्रों की माने तो एनआईए को यह इनपुट मिले थे कि उत्तर प्रदेश के कुछ लोगों को खालिस्तानी आतंकियों ने अपने गिरोह में शामिल किया है। हालांकि इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई और अधिकारिक रूप से किसी भी अफसर ने इस पर बयान नहीं दिया लेकिन वेस्ट यूपी के इन जिलों में एनआईए की इस छापेमारी के पीछे खालिस्तान कनेक्शन ही बताया जा रहा है। दरअसल इससे पहले भी मेरठ ( meerut ) का खालिस्तान कनेक्शन सामने आ चुका है, इसलिए इस मामले को गम्भीरता से लिया जा रहा है। एनआईए की छापेमारी की सूचना के बाद मेरठ और मुजफ्फरनगर की स्थानीय खुफिया इकाइयां भी सक्रिय हो गई हैं और उन्होंने भी इस मामले में अपनी जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
केटीएफ ( ktf ) यानी खालिस्तान टाइगर फोर्स यूपी में अपना नेटवर्क बढ़ा रहा है। एनआईए की ओर से इस बात का खुलासा किया गया जा चुका है। यह बात भी सामने आ रही है कि खालिस्तान ने वेस्ट यूपी के कुछ अपराधियों को भी अपने साथ जोड़ा है। इसी क्रम में छानबीन के लिए गुरुवार रात एनआईए की एक टीम पहले मेरठ के हस्तिनापुर पहुंची और फिर किठौर इलाके में पहुंची। यहां खादर इलाके में कुछ लोगों की तलाश की गई। इसके बाद टीम को जो सुराग मिले उनके आधार पर टीम मुजफ्फरनगर पहुंची। यहां पुरकाजी इलाके में तीन स्थानों पर टीम ने छापेमारी की। इन जगहों पर कुछ संदिग्ध की तलाश थी, लेकिन कोई हाथ नहीं आया। इसके बाद टीम वापस लौट गई। वेस्ट यूपी के शामली ( shamli ) का दरभंगा ब्लास्ट में कनेक्शन सामने आ चुका है। ऐसे में अब खालिस्तान से वेस्ट यूपी के अपराधियों के जुड़ने की बात सामने आने के बाद अब खुफिया एजेंसियां और अलर्ट हो गई हैं।