सरकार पर मिली भगत का आरोप लगाया वहीं इस मामले में राकेश टिकैत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद पत्रकारों से बात करते हुए इसे सरकार की साजिश करार दिया। उन्होंने कहा, “स्थानीय पुलिस की ओर से यहां कोई सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई है। यह सरकार की मिलीभगत से किया गया है। सुरक्षा की जिम्मेदारी लोकल पुलिस की होती है।” वहीं इस घटना का जिम्मेदार स्थानीय किसान नेताओं को ही बताया जा रहा है।
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मौलाना मदनी के ‘इस्लाम पसंद नहीं तो मुल्क छोड़ों’ वाले बयान पर महंत नारायण गिरी ने लगाई लताड़, बोले… घटना के पीछे ये वजह उधर, बताया ये भी जा रहा है कि इस घटना के पीछे किसान नेता कोडिहल्ली चंद्रशेखर का हाथ है और उनके समर्थकों ने ही राकेश टिकैत पर काली स्याही फेंकी है। दरअसल प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जब पत्रकारों ने राकेश टिकैत से चन्द्रशेखर को लेकर सवाल पूछा तो राकेश टिकैत ने जवाब देते हुए कहा कि उनसे हमारा कोई लेना देना नहीं है। जैसे ही राकेश टिकैत ने ये वाक्य बोला, तुरंत वहां मौजूद चंद्रशेखर के समर्थक भड़क गयें और उन्होंने राकेश टिकैत के चेहरे पर स्याही फेंक दी।
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मकान और नौकरी का लालच देकर करवाया जा रहा था धर्म परिवर्तन, पोल खुली तो जानें क्या हुआ भाजपा सरकार के खिलाफ दिए थे कई बयान गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में खुलकर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ राजनीति करना राकेश और नरेश टिकैत को भारी पड़ गया। पिछले डेढ़ साल के दौरान राकेश टिकैत ने जिस तरह से योगी और मोदी सरकार के खिलाफ बयान दिए, उसने फायदे से ज्यादा नुकसान करा दिया। यही वजह है कि राकेश टिकैत के करीबियों-सहयोगियों ने उनका साथ छोड़ते हुए नए किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक का गठन किया है।