हाल ही में शरद पवार खेमे ने अजित पवार नीत एनसीपी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। शरद पवार की अगुवाई वाले गुट ने एनसीपी (अजित पवार) द्वारा घड़ी चुनाव चिह्न का उपयोग करने पर आपत्ति जताई थी। आज इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में घड़ी चिह्न अजित पवार की एनसीपी के पास ही रहेगी।
एनसीपी-एसपी प्रमुख शरद पवार खेमे ने दावा किया था कि अजित पवार ने घड़ी चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल कर मतदाताओं के मन में बड़े पैमाने पर भ्रम पैदा किया है। क्योंकि घड़ी निशान शरद पवार से जुड़ा हुआ है। इसलिए अजित पवार गुट को आगामी राज्य विधानसभा चुनावों के लिए एक नया चुनाव चिन्ह आवंटित किया जाना चाहिए। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस साल मार्च में अजित पवार गुट को कुछ शर्तों के साथ लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र राज्य के चुनावों में घड़ी निशान का उपयोग करने की अनुमति दी थी। दरअसल चुनाव आयोग ने एनसीपी में विभाजन के बाद अजित पवार गुट को असली एनसीपी के तौर पर मान्यता दी है। चुनाव आयोग के इस फैसले को शरद पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
तब सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार को तब तक घड़ी चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने की अनुमति दी, जब तक कि कोर्ट यह तय नहीं कर लेती कि किस गुट को असली एनसीपी के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए। हालांकि तब शीर्ष कोर्ट ने अजित गुट को निर्देश दिया था कि वह अपने सभी प्रचार सामग्री में एक डिस्क्लेमर शामिल करे कि ‘घड़ी’ निशान का इस्तेमाल विचाराधीन है। हालांकि, शरद पवार गुट का आरोप है कि इस आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है।
बता दें कि महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक चरण में 20 नवंबर को मतदान होने हैं। वहीं, चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। राज्य में महायुति गठबंधन की सरकार है, जिसके मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हैं, जबकि डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार हैं। इस बार महायुति का सीधा मुकाबला कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के एमवीए गठबंधन से है।