scriptSanjay Raut: पात्रा चॉल घोटाला मामले में संजय राउत को नहीं मिली राहत, कोर्ट ने 17 अक्टूबर तक बढ़ाई न्यायिक हिरासत | Sanjay Raut Patra Chawl Money laundering case ED judicial custody of Shiv Sena MP extended till 17th October | Patrika News
मुंबई

Sanjay Raut: पात्रा चॉल घोटाला मामले में संजय राउत को नहीं मिली राहत, कोर्ट ने 17 अक्टूबर तक बढ़ाई न्यायिक हिरासत

Sanjay Raut Money Laundering Case: संजय राउत को ईडी की जांच में उनका नाम आने के बाद गिरफ्तार किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया कि उसने गोरेगांव में पात्रा चॉल रिडेवलेपमेंट प्रोजेक्ट से एक अन्य सह-आरोपी और सहयोगी प्रवीण राउत से अवैध आय प्राप्त की थी।

मुंबईOct 10, 2022 / 03:38 pm

Dinesh Dubey

Sanjay Raut ED Patra Chawl Money Laundering Case

संजय राउत को PMLA कोर्ट से लगा झटका

Sanjay Raut Case: मुंबई की स्पेशल पीएमएलए कोर्ट ने आज (10 अक्टूबर) पात्रा चॉल भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत की न्यायिक हिरासत को 17 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इसी साल 31 जुलाई को राउत के मुंबई स्थित घर पर छापा मारा था और फिर 1 अगस्त को उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
मुंबई के गोरेगांव के पात्रा चॉल मामले में जेल में बंद शिवसेना सांसद संजय राउत की जमानत अर्जी पर सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने संजय राउत की न्यायिक हिरासत को 17 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। शिवसेना नेता मनी लांड्रिंग के केस में ईडी की हिरासत में है।
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राउत को ईडी की जांच में उनका नाम आने के बाद गिरफ्तार किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया कि उसने गोरेगांव में पात्रा चॉल रिडेवलेपमेंट प्रोजेक्ट से एक अन्य सह-आरोपी और सहयोगी प्रवीण राउत से अवैध आय प्राप्त की थी। ईडी का आरोप है कि प्रवीण राउत ने शिवसेना नेता राउत को 1.06 करोड़ रुपये दिए थे।

क्या है मामला

यह मामला 672 किरायेदारों के लिए पात्रा चॉल की रुकी हुई रिडेवलेपमेंट परियोजना से जुड़ा है। बताया जा रहा है कि इस काम का ठेका गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को दिया गया था। जिसके एक निदेशक संजय राउत के करीबी सहयोगी प्रवीण राउत थे।

ईडी ने दावा किया है कि परियोजना से एफएसआई की अवैध बिक्री से प्रवीण राउत को 112 करोड़ रुपये का फायदा हुआ और उन्होंने कथित तौर पर इसमें से कुछ रुपया संजय राउत और उनकी पत्नी को दिया।
वहीँ, इन आरोपों को ख़ारिज करते हुए संजय राउत ने कोर्ट के समक्ष जमानत याचिका दायर की थी। उन्होंने अपनी दलील में कहा कि महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन व राजनीतिक प्रतिशोध के लिए उन्हें फंसाया गया था।
अपनी जमानत याचिका में राउत ने बताया कि ईडी ने पात्रा चॉल मामले में भी पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक (पीएमसी) मामले में अपराध की आय के रूप में 112 करोड़ रुपये दिखाए, जिसमें प्रवीण राउत ही आरोपी है।
राउत के मुताबिक ईडी एक ही रकम को दोनों मामलों से जोड़ रही है। उन्होंने आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट का भी हवाला देते हुए कहा कि प्रवीण को पात्रा चाल परियोजना घोटाले से कोई पैसा नहीं मिला था। जबकि ईडी ने पिछले महीने दायर अपने सप्लीमेंट्री चार्जशीट में संजय राउत को पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड बताया है और प्रवीण राउत को उनका माध्यम बताया है।

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