पुणे पुलिस के अनुसार, पुणे के वडगांव शेरी इलाके में निर्माण व्यवसायी डी. एस. कतुरे ने विनय काले नाम के व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। कतुरे के बेटे शशिकांत कतुरे ने निर्माण कार्य के लिए विनय काले से लोन लिया था. पुलिस ने बताया कि कतुरे जब समय पर लोन नहीं चुका सका तो काले ने मूल राशि पर चक्रवर्ती ब्याज लगाने की कथित रूप से धमकी देकर उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।
पुलिस के मुताबिक, प्रताड़ना से परेशान होकर शशिकांत कतुरे ने इस साल जनवरी में आत्महत्या कर ली। इसके बाद पुणे के चंदननगर थाने में काले के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस अधिकारी ने कहा, आत्महत्या के मामले में जांच के दौरान नाबालिग के बिल्डर पिता, दादा और तीन अन्य लोगों की भूमिका सामने आई। इसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया। मामले में आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 34 (समान इरादा) को भी जोड़ा गया है।
किशोर के पिता-दादा जेल में
बता दें कि 19 मई को पुणे के कल्याणी नगर इलाके में हुई कार दुर्घटना में सॉफ्टवेयर इंजीनियरो अनीस अहुदिया (24) और अश्विनी कोस्टा (24) की मौत हुई थी। पुलिस ने दावा किया है कि हादसे के समय नामी बिल्डर विशाल अग्रवाल का नाबालिग बेटा नशे की हालत में लक्जरी कार चला रहा था। पुलिस ने इस हादसे को लेकर तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं और 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें अग्रवाल परिवार के चार सदस्य शामिल हैं। नाबालिग आरोपी को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने पहले मामले में जमानत दे दी थी, बाद में सुधार गृह भेज दिया।
नाबालिग आरोपी के पिता वर्तमान में ब्लड सैंपल में हेराफेरी के मामले में पुलिस हिरासत में हैं, जबकि दादा अपने नाबालिग पोते के बजाय अपराध की जिम्मेदारी लेने के लिए परिवार के ड्राइवर का अपहरण करने के आरोप में गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में हैं।