मिली जानकारी के मुताबिक, पुणे मेट्रो के लिए खंभे बनाने के लिए गड्ढा खोदा जा रहा था, तभी मजदूरों को हैंड ग्रेनेड दिखा। मजदूरों ने तुरंत अधिकारियों को इसकी सूचना दी और फिर चतुरश्रृंगी पुलिस को जानकारी दी गयी। कुछ ही मिनटों में पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची और परिसर को सील कर दिया।
चतुरश्रृंगी थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक बालाजी पंधारे के मुताबिक, बीडीडीएस स्क्वायड को मौके पर बुलाया गया। एहतियात के तौर पर बीडीडीएस (Bomb Detection and Disposal Squad) के अधिकारियों ने पुलिस कर्मियों के साथ मिलकर हैंड ग्रेनेड को सुरक्षित रूप से हटाकर डिस्पोज किया जा रहा है।
अधिकारी ने कहा कि यह पुष्टि करने के लिए जांच चल रही है कि ग्रेनेड अभी भी जिंदा है या नहीं। हालांकि पुणे पुलिस के सूत्रों ने कहा कि ऐसी संभावना है कि हैंड ग्रेनेड ब्रिटिश काल का हो सकता है। जो वर्षों से मिट्टी के नीचे दबा था, फ़िलहाल मामले में आगे की जांच चल रही है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, बानेर में आयशर कंपनी के परिसर में मेट्रो लाइन के लिए खुदाई शुरू थी। इस बीच मजदूरों की नजर हैंड ग्रेनेड पर पड़ी। एक ही स्थान पर दो हैंड ग्रेनेड मिलने से हड़कंप मच गया। ग्रेनेड मिलने से स्थानीय लोगों में डर का माहौल है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।