नागपुर के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने बताया कि जांच से पता चला है कि जयेश पुजारी के दाऊद गिरोह, पीएफआई और लश्कर से संबंध थे। उन्होंने कहा, ‘‘उसे कट्टरपंथी बनाया गया है। वह जेल में डी-गैंग (दाऊद गैंग) के अन्य सदस्यों के साथ साजिश रच रहा था।’’ शहर की धंतोली पुलिस ने उसके खिलाफ अब गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा भी लगाई है।
मालूम हो कि महाराष्ट्र पुलिस ने कर्नाटक की बेलगावी जेल से हत्या के दोषी और इस मामले में आरोपी जयेश पुजारी उर्फ जयेश कांत को 28 मार्च को हिरासत में लिया था। बेलगावी में स्थित हिंडालगा जेल से उसे नागपुर लाया गया था। जहां नागपुर शहर के धंतोली थाने में दो मामले दर्ज हैं। पुजारी को हत्या के मामले में मौत की सजा मिली है।
जयेश पुजारी पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता गडकरी के जनसंपर्क कार्यालय में 14 जनवरी को और फिर 21 मार्च को धमकी भरे फोन करने का आरोप है। अधिकारियों ने बताया कि खुद को जयेश पुजारी बताने वाले एक शख्स ने 14 जनवरी को नागपुर शहर में स्थित गडकरी के जनसंपर्क कार्यालय में फोन करके 100 करोड़ रुपये की मांग की थी। उसने दावा किया था कि वह दाऊद इब्राहिम गिरोह का सदस्य है। इसके बाद फिर गडकरी के जनसंपर्क कार्यालय में मार्च महीने दो फोन आए और 10 करोड़ रुपये की मांग की गई।
एक अधिकारी ने बताया कि धमकी भरे फोन के बाद गडकरी के घर और कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। उन्होंने बताया कि पुजारी ने धमकी भरे फोन मामले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है। हालांकि जांच के बाद स्पष्ट हो पाएगा कि धमकी देने वाला जयेश पुजारी था या नहीं।