एक निजी चैनल से बात करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया जा रहा है, जो स्थानीय लोगों के वाहनों की पहचान कर उन्हें टोल पर छूट देगा। टोल नाकों पर यह चार महीने में पेश किये जाने की संभावना है।
उन्होंने आगे कहा कि टोल बूथों के पास रहने वाले लोगों और रोजाना काम पर जाने वालों को नियमित टोल न देना पड़े, इसके लिए नई नीति लाने का प्रयास किया जा रहा है। ताकि लोगों को सहूलियत मिले। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि विशेष रूप से यह नीति उन लोगों को बड़ी राहत देगी जो टोल बूथ के एक तरफ रहते हैं और उन्हें दूसरी तरफ टोल बूथ पार कर जाना पड़ता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, राष्ट्रीय राजमार्ग पर कहीं भी गड्ढे पाए जाने पर नागरिकों की शिकायत पर तीन दिन के भीतर उन्हें भर दिया जाएगा। गडकरी ने स्पष्ट किया है कि इसके लिए अलग व्यवस्था बनाने का काम चल रहा है। जबकि कार में एक सिस्टम बनाया जाएगा जो कार के पीछे बैठे लोगों द्वारा सीट बेल्ट नहीं लगाए जाने पर सायरन बजाएगा। इससे सड़क हादसों में जान गंवाने वालों की संख्या में कमी होगी।
गडकरी ने आगे कहा, अगर कार के इकोनॉमी मॉडल को एक्सपोर्ट करना है तो इसमें 6 एयरबैग दिए जाते हैं, लेकिन जब देश में इकोनॉमी मॉडल पेश किया जाता है तो उसमें सिर्फ दो एयरबैग दिए जाते हैं, क्यों? नितिन गडकरी ने यह भी समझाया कि एक एयर बैग की कीमत पर मात्र 1,000 रुपये का खर्च होता है, अगर दो एयर बैग लगाए जा रहे हैं तो कंपनियां शेष एयर बैग भी लगाये।