लगभग 600 एकड़ परिसर में फैली धारावी के स्लम में करीब 1 लाख झोपड़े हैं। इनमें सैकडों लोगों ने एक से दो मंजिला घर बनवा लिए हैं। मालिक के साथ ही इन बस्तियों में हजारों की संख्या में किराएदार पिछले कई सालों से रह रहे हैं। सूत्रों मिली जानकारी के मुताबिक, धारावी में 30 हजार से 40 हजार अपात्र निवासी हैं, जबकि करीब 56 हजार पात्र लोग हैं। यह भी पढ़े: महाराष्ट्र: पुलिस में भर्ती होंगे ट्रांसजेंडर, बॉम्बे हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया
बता दें कि पात्र परिवारों को तो सरकार की ओर से फ्री में घर दिया जाएगा, जबकि अपात्र परिवारों के लिए प्राधिकरण ने सशुल्क पुनर्वसन योजना बनाई गई है। इसके तहत अपात्र नागरिक तय नियम के साथ कंस्ट्रक्शन कॉस्ट भरकर अपना घर खरीद सकते हैं, जबकि जो नागरिक कंस्ट्रक्शन कॉस्ट जमा करने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें किराए पर घर मुहैयाउपलब्ध करवाया जाएगा। प्राधिकरण के मुताबिक, अपात्र नागरिकों को घरों की बिक्री प्रधानमंत्री आवास योजना या राज्य सरकार की गृहनिर्माण योजना के तहत की जाएगी। घरों का किराया और घरों की कीमत तय करने का अधिकार प्राधिकरण के हेड कार्यकारी अधिकारी या स्पेशल कार्यकारी अधिकारी के पास ही होगा।
वडाला में बनेंगे घर: राज्य सरकार ने धारावी के अपात्र लोगों के लिए रेंटल हाउसिंग स्कीम के तहत वडाला के सॉल्ट पैन लैंड पर घर तैयार करने का फैसला किया है। वडाला में घर तैयार करने के लिए धारावी पुनर्विकास परियोजना प्राधिकरण को 99 साल के लिए जमीन लीज पर दी जाएगी।
धारावी रीडिवेलपमेंट परियोजना प्राधिकरण के हेड कार्यकारी अधिकारी एसवीआर श्रीनिवास ने बताया कि धारावी में रहने वाले नागरिकों की पात्रता तय करने का काम आगामी दो से तीन महीने में शुरू हो जाएगा। यह काम शुरू होने के चार से छह महीने के भीतर पात्र और अपात्र नागरिकों की पहचान का काम पूरा हो जाएगा।
योजना के फायदे: बता दें कि किराए पर घर उपलब्ध करवाने का फैसला लेकर सरकार ने धारावी परियोजना को विवाद से दूर रखने की योजना बना ली है। पात्रता के विवाद की वजह से एसआरए की कई परियोजनाएं कई सालों से अटकी हुई हैं। ऐसे में लोगों को सशुल्क घर खरीदने या किराए पर देने का ऑप्शन देकर लोगों की नाराजगी को कम करने की पहल की गई है।
धारावी रीडिवेलपमेंट के लिए प्राधिकरण ने टेंडर प्रोसेस के माध्यम से अडानी रियल्टी का चयन कर लिया है। अडानी रियल्टी ने टेंडर के दौरान सबसे ज्यादा 5029 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। प्राधिकरण द्वारा सबसे अधिक बोली को मंजूरी के लिए राज्य सरकार के पास भेजा गया है। राज्य सरकार की मंजूरी मिलने के बाद धारावी के रीडिवेलपमेंट का काम शुरू करने के लिए स्पेशल पर्पस वीकल कंपनी का निर्माण किया जाएगा।
कंपनी में 400 करोड़ रुपये की 80 प्रतिशत हिस्सेदारी बोली जीतने वाली कंपनी और 20 प्रतिशत यानी 100 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी राज्य सरकार की होगी। पूरे परिसर के डेवलपमेंट पर लगभग 20 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। टेंडर का प्रोसेस पूरा होने के 7 साल के अंदर कंपनी को निर्माण कार्य पूरा करना होगा।