बीएमसी ने आंकड़े देते हुए कहा कि जुलाई की तुलना में मामलों में वृद्धि हुई है। जुलाई महीने में स्वाइन फ्लू के 105 मामले, डेंगू के 61 मामले और मलेरिया के 563 मामले सामने आए थे। इस साल महाराष्ट्र में 1 जनवरी से 28 अगस्त के बीच स्वाइन फ्लू के 2,337 मामले सामने आए और 98 व्यक्तियों की मौत हो गई। इसके बाद सोमवार को राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से गणेश उत्सव में भाग लेने के दौरान सावधानी बरतने की अपील की। विभाग ने कहा कि ये मामले 19 जिलों में सामने आये हैं, जिनमें से 770 मामले और 33 मौतें पुणे में हुई हैं।
बता दें कि इस मामले में बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई में 348 मामले सामने आए हैं और तीन मरीजों की मौत हुई हैं, जबकि पड़ोसी जिले ठाणे में 474 मामले और 14 मौतें हुई हैं। उन्होंने बताया कि इस अवधि के दौरान कोल्हापुर में 159 मामले और 13 मौतें दर्ज की गई।
लेप्टोस्पायरोसिस, गैस्ट्रो, डेंगू, हेपेटाइटिस और स्वाइन फ्लू के मामलों में पिछले एक साल की तुलना में इस साल अगस्त में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पिछले साल, मुंबई में लेप्टोस्पायरोसिस और डेंगू के कारण तीन-तीन मौतें हुई थीं। 1 से 28 अगस्त के बीच मुंबई में 61 लेप्टोस्पायरोसिस, 444 गैस्ट्रो और 51 हेपेटाइटिस के मामले दर्ज किए गए, जबकि जुलाई 2022 में 65 लेप्टोस्पायरोसिस, 697 गैस्ट्रो और 65 हेपेटाइटिस के मामले सामने आए है।
बता दें कि बीएमसी ने गाइडलाइन जारी करते हुए बताया कि स्वाइन फ्लू को फैलने से रोकने और संक्रमण से बचने के लिए लोगों को छींकते या खांसते वक्त नाक और मुंह को ढंकना चाहिए, बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोने चाहिए और आंख, नाक और मुंह को छूने से बचना चाहिए। लगातार बुखार, थकान, ठंड लगना, सिरदर्द, खांसना, गले में खरास, उल्टी, शरीर दर्द, नाक का बहना आदि स्वाइन फ्लू के लक्षण हैं। लक्षणों पर नजर बनाए रखें। स्वाइन फ्लू के कोई लक्षण दिखे या फिर आप संक्रमित मरीज के संपर्क में आए हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।