scriptMumbai News: 12 साल पहले रिजेक्ट कर दिया था क्लेम, अब बीमा कंपनी को देना पड़ेगा 5 लाख डॉलर मुआवजा | Mumbai News: The claim was rejected 12 years ago, now the insurance company will have to pay 5 lakh dollars in compensation | Patrika News
मुंबई

Mumbai News: 12 साल पहले रिजेक्ट कर दिया था क्लेम, अब बीमा कंपनी को देना पड़ेगा 5 लाख डॉलर मुआवजा

बीमा कंपनी ने बीमित शख्स का क्लेम यह कहते हुए रिजेक्ट कर दिया था कि वह पहले से ही बीमार थे, जबकि बीमित शख्स ने बताया कि अगर वो पहले से ही बीमार होता तो यात्रा ही क्यों करता। दूसरे, वह बीमार होते तो कंपनी की जांच में फिट कैसे हैं।

मुंबईOct 03, 2022 / 08:41 pm

Siddharth

ncdrc.jpg

NCDRC

मुंबई से एक बड़ी खबर सामने आ रही हैं। यात्रा के दौरान बीमार हुए मुंबई के मुकुल सोनावाला का क्लेम रिजेक्ट करना बीमा कंपनी पर भारी पड़ गया है। कंपनी ने मुकुल सोनावाला का क्लेम ये कह कर रिजेक्ट कर दिया था कि वह पहले से बीमार थे, जबकि मुकुल सोनावाला ने बताया था कि यदि वह बीमार होते तो यात्रा ही क्यों करते। मुकुल सोनावाला ने बताया कि यदि पहले से बीमारी होती तो बीमा कंपनी के डॉक्टर की जांच में भी यह बात सामने आ जाती। 12 साल बाद नेशनल उपभोक्ता विवाद निस्तारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने बीमा कंपनी को फटकार लगाते हुए उसकी दलील रिजेक्ट कर दिया है।
इसके साथ ही एनसीडीआरसी ने बीमा कंपनी को 2 लाख 40 हजार डॉलर के बजाय 5 लाख डॉलर का मुआवजा देने का निर्देश दिया हैं। एनसीडीआरसी ने इस राशि पर 9 प्रतिशत का इंटरेस्ट भी ठोका है। मुंबई के मरीन ड्राइव निवासी वादी मुकुल सोनावाला ने एनसीडीआरसी में याचिका दाखिल की थी। इस याचिका में कहा था कि उसे किसी काम से साल 2010 में कोलोरॉडो जाना पड़ा था। उस समय सोनावाला ने ओरियंटल एंश्योरेंस कंपनी से ट्रेवल बीमा भी कराया था, लेकिन ट्रेवल के दौरान उसे मलेरिया हो गया था और उन्हें 2 लाख 40 हजार डॉलर अपने इलाज पर खर्च करना पड़ा था।
यह भी पढ़ें

मुंबई में 1750 से अधिक महिलाओं पर केवल एक टॉयलेट, खुले में शौच से मुक्ति के दावे निकले झूठे

इसके बाद मुकुल सोनावाला ने बीमा कंपनी में क्लेम किया तो बीमा कंपनी ने कहा कि उसे पहले से ही मलेरिया हुआ था। इसलिए वह ट्रेवल बीमा के दायरे में नहीं आते और इस प्रकार कंपनी ने क्लेम रिजेक्ट कर दिया। इसके बाद मुकुल सोनावाला ने जिला उपभोक्ता फोरम और राज्य उपभोक्ता फोरम में लड़ते हुए से बीमा कंपनी की दलील के खिलाफ एनसीडीआरसी का दरवाजा खटखटाया। जहां उपभोक्ता आयोग ने मुकुल सोनावाला की दलील को एक्सेप्ट करते हुए बीमा कंपनी को पूरी राशि 9 प्रतिशत इंटरेस्ट के साथ चुकाने के आदेश दिया हैं।
बीमा कंपनी का तर्क किया रिजेक्ट: बता दें कि एनसीडीआरसी में बीमा कंपनी ने बताया कि सोनावाला को पहले से मलेरिया था, उसी समय उनके बेटे और कुछ पड़ोसी भी मलेरिया के चपेट में आए थे। जिसकी वजह से सोनावाला की बीमारी बीमा कंपनी के टर्म्स कंडीशन के दायरे में नहीं आती। लेकिन एनसीडीआरसी ने बीमा कंपनी के इस तर्क को रिजेक्ट करते हुए सोनावाला के तर्क को हरी झंडी दिखाई है। इसी के साथ कंपनी ने दो महीने के अंदर पूरी राशि के भुगतान के आदेश दिए हैं।

Hindi News / Mumbai / Mumbai News: 12 साल पहले रिजेक्ट कर दिया था क्लेम, अब बीमा कंपनी को देना पड़ेगा 5 लाख डॉलर मुआवजा

ट्रेंडिंग वीडियो