इस मामले में पुलिस ने बताया कि शिकायतकर्ता जयेश ठक्कर घाटकोपर के रहने वाले हैं। उनकी बेटी श्रेया एक अच्छी नौकरी की खोज में थीं, इस प्रकार पिता और बेटी ने अलग-अलग जॉब पोर्टल ब्राउज़ करना और वहां बायोडाटा अपलोड करना शुरू कर दिया था।
इस बीच एक साइट पर पिता और बेटी की मुलाकात जय शाह और निशा दशहरा से हुई, जिन्होंने अमेरिका में श्रेया के लिए एक अच्छी नौकरी के बारे में बताया। इसके बाद जय शाह और निशा दशहरा ने व्यापारी से साल 2015 में चेंबूर के एक होटल में मुलाकात की। इस मुलाकात में ठक्कर की बेटी श्रेया को अमेरिका में नौकरी और वर्क परमिट का वादा किया गया था।
बता दें कि इस मामले में एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि आरोपी ने व्यापारी से कहा कि अमेरिकी कंपनियों में उनकी अच्छी पकड़ है और अमेरिकी प्रशासन में अपने प्रभाव का उपयोग करके वे उसकी बेटी को ग्रीन कार्ड दिला सकते हैं। साल 2015 से काम करवाने के बहाने आरोपी ने व्यापारी से कुल 8.33 करोड़ वसूल लिए। इसके बाद अमेरिका में श्रेया को न तो कोई नौकरी मिली और न ही कोई वर्क परमिट मिला। जब शिकायतकर्ता ने अपने पैसे वापस मांगे, तो आरोपी ने कहा कि वे पूरे पैसे वापस कर देंगे।
अधिकारी ने आगे कहा कि आरोपियों ने यह भी दिखावा किया कि उन्होंने पैसे वापस भेज दिए और शिकायतकर्ता को रिसीप्ट और बैंक स्टेटमेंट भी भेजे। पुलिस ने कहा कि यह सब झूट निकला। ठक्कर इस साल मार्च तक शिकायतकर्ता के साथ पीछा कर रहे थे, लेकिन आरोपी ने कई वादों के बावजूद उन्हें पैसे वापस नहीं किए। आखिर में व्यापारी को जब महसूस हुआ कि उनके साथ धोखा हुआ है और उन्होंने गुरुवार को तिलक नगर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। तिलक नगर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक सुनील काले ने कहा कि व्यापारी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर हमने दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।