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नागौर

समय की पाबंदी में बंधना नहीं चाहते कर्मचारी-अधिकारी,बायोमेट्रिक से परहेज

नागौरSep 23, 2024 / 05:40 pm

चंद्रशेखर वर्मा

Employees and officers do not want to be bound by time restrictions, avoid biometrics
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बायोमेट्रिक से परहेज, समय की पाबंदी में बंधना नहीं चाहते कर्मचारी-अधिकारीराज्य सरकार ने पांच साल पहले जारी किए थे बायोमेट्रिक मशीन लगाने के आदेश, ज्यादातर विभागों में नहीं है मशीन, मनमर्जी से आते-जाते हैं कार्मिक और अधिकारी
Employees and officers do not want to be bound by time restrictions, avoid biometrics
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नागौर. सरकारी कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने पांच साल पहले बायोमेट्रिक प्रणाली लागू की थी, लेकिन न तो अधिकारी इस पाबंदी में बंधना चाहते हैं और न ही कर्मचारी। सरकार ने भले ही कार्यालयों का समय सुबह साढ़े 9 से शाम छह बजे तक करके पांच दिन का सप्ताह कर दिया है, लेकिन ज्यादातर कर्मचारियों का कार्यालय आने व जाने का समय पुराना ही है। यानी साढ़े 10-11 बजे तक आएंगे और पांच बजे निकल जाएंगे। मुयालय से बाहर रहने वाले तो शुक्रवार को दोपहर में ही निकल जाते हैं और सोमवार को दोपहर तक आते हैं। ऐसा नहीं है कि इसकी सरकार को जानकारी नहीं है। समय-समय पर होने वाले औचक निरीक्षणों के दौरान कई कर्मचारी-अधिकारी अनुपस्थित मिलते हैं, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं होने से वे अपना ढर्रा नहीं बदलते। जबकि आदेश तो यह भी थे कि कार्यालय खुलने का समय साढ़े 9 बजे है, यदि कोई कर्मचारी 9.40 तक उपस्थित नहीं होता है तो उसके नाम के आगे उपस्थिति पंजिका में क्रॉस अंकित कर दिया जाएगा। नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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सचिवालय से हुई थी शुरुआतविधानसभा में विधायक भरत सिंह कुन्दनपुर की ओर से पूछे गए सवाल पर कार्मिक विभाग ने बताया कि राजकीय कार्यालयों/ योजनाओं में कार्यस्थलों पर कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने तथा कार्यों का समुचित निष्पादन करने के लिए राज्य सरकार के प्रशासनिक सुधार विभाग ने बायोमेट्रिक प्रणाली से उपस्थिति दर्ज करने के आदेश दिए थे। प्रशासनिक सुधार विभाग के अतिरिक्त मुय सचिव ने 30 अगस्त 2019 को जारी आदेश में शासन सचिवों एवं सचिवों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने विभाग में बायोमेट्रिक प्रणाली को प्रभावशाली बनाने के लिए विभाग स्तर पर एक कमेटी गठित करें, ताकि बायोमेट्रिक प्रभाणी से उपस्थिति दर्ज कराने की व्यवस्था की पालना की जा सके। इससे पहले भी 6 फरवरी 2012 को कार्मिक विभाग के प्रमुख शासन सचिव ने एक परिपत्र जारी कर सचिवालय में कार्यरत सभी अधिकारियों की उपस्थिति बायोमेट्रिक प्रणाली से करने के निर्देश दिए थे।
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प्रदेश में छह लाख से अधिक कर्मचारी
कार्मिक विभाग के अनुसार प्रदेश के कुल 76 विभागों में 6 लाख, 10 हजार, 886 सरकारी कर्मचारी हैं। इनमें बड़े विभागों में गृह विभाग में 97,092, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में 63,454, चिकित्सा शिक्षा में 20,617, उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में 2,21,411, पंचायती राज विभाग में 25,192, ऊर्जा विभाग में 59,757 कर्मचारी कार्यरत हैं।
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नागौर में केवल जेएलएन अस्पताल में लगी है मशीन
नागौर जिला मुयालय पर केवल जेएलएन अस्पताल में बायोमेट्रिक मशीनें लगी हुई है। इससे चिकित्सकों एवं चिकित्सा स्टाफ सहित अन्य कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज होती है। सीएमएचओ कार्यालय में कुछ समय के लिए बायोमेट्रिक मशीन लगाई गई थी, लेकिन फिर खराब हो गई। ज्यादातर विभागों में मशीन नहीं है।
औचक निरीक्षण में मिलते हैं अनुपस्थित
सरकार ने बताया कि जब किसी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया जाता है तो कुछ कर्मचारी अनुपस्थित पाए जाते हैं। प्रदेश में भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद जिला स्तरीय अधिकारियों को औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए थे। कुछ दिन तो निरीक्षण किए गए, फिर से वही पुराना ढर्रा है।

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